Turkey Syria Earthquake: मिडिल ईस्ट के चार देश आज सुबह भूंकप से हिल गए। तुर्की, सीरिया, लेबनान और इजराइल में भूंकप आया है। सबसे ज्यादा असर तुर्की में हुआ है। तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाके तहस-नहस हो चुके हैं। तुर्किये में अब तक 284 लोगों की जान चली गई है और 2,300 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 237 लोग मारे गए और 639 जख्मी हैं। दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 521 हो गई है
तुर्की में भूंकप का पुरान इतिहास रहा है। पिछले 24 वर्षों में आए भूकंपों की वजह से तुर्की में 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जब भी 7 रिक्टर के ऊपर भूंकप आया भारी तबाही आई। तुर्की में आज आए भूंकप की तीव्रता 7।8 थी। इससे पहले 1939 में इतनी तीव्रता का भूंकप आया था। उसमें 32,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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1999 में 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए
1999 के 17 अगस्त को आए भूंकप में 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। उससे पहले 23 जुलाई 1784 को एरजिनकान में इसी पैमाने का भूकंप आया था। जिसमें 5 से 10 हजार लोगों के मारे जाने का अनुमान है। 1900 से पहले तुर्की में भूकंपों की वजह से 6 लाख से ज्यादा मौतें हुई थीं। 1900 से 1999 तक करीब 70 हजार मौतें। 2000 से अब तक आए भूंकप में करीब 1000 मौतें हुई हैं।
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Some people who are trapped in rubble after the quake in southern Turkey are taking to social media to ask for help pic.twitter.com/tQQdkkpF0H
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कैसे आता है भूंकप?
हमारी धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं। रगड़ती हैं। एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे हटती है तब धरती हिलती है। इसे ही हम भूंकप कहते हैं। भूंकप की तीव्रता को मापने के लिए हम रिक्टर का उपयोग करते हैं।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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