---विज्ञापन---

देश

हवा से चलने वाली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल शुरू, स्पीड 110KM प्रति घंटा; दूसरी ट्रेनों से कितनी अलग?

भारत में हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल शुरू हो गया है। यह ट्रेन बिना बिजली और डीजल सिर्फ पानी से चलेगी। इसकी अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है। हरियाणा में इसका ट्रायल शुरू हुआ है। इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई में हुआ है। इस ट्रेन की खासियतों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 1, 2025 08:27
hydrogen Train

भारत में जल्द हाइड्रोजन ट्रेन चलने वाली है। इस ट्रेन का ट्रायल भी शुरू हो चुका है। हरियाणा के सोनीपत-जींद रूट पर इस ट्रेन का ट्रायल रन हो रहा है। इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया है, जो 89 किलोमीटर के लंबे रूट पर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। इस ट्रेन का इंतजार लंबे समय से था, जो एक बार में 2638 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती है। बिना बिजली और डीजल के चलने वाली यह ट्रेन दूसरी रेलगाड़ियों से बिल्कुल अलग है।

यह भी पढ़ें:दिल्ली से लेकर UP-बिहार तक दिखेगा गर्मी का असर, मैदानी इलाकों में चलेगी लू; पढ़ें IMD का लेटेस्ट अपडेट

---विज्ञापन---

हाइड्रोजन ट्रेन पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है, क्योंकि इसको चलाने के लिए बिजली, कोयले और डीजल की जरूरत नहीं पड़ती। इस ट्रेन में खास तरह के फ्यूल सेल लगे होते हैं। हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन की मदद से बिजली पैदा कर इसे चलाया जाता है। इस केमिकल प्रोसेस में सिर्फ पानी (H₂O) और ऊर्जा पैदा होती है, जिसकी वजह से बिल्कुल प्रदूषण नहीं फैलता।

यह भी पढ़ें:बिहार के बाद एक और ‘NDA स्टेट’ के 19 धार्मिक स्थलों पर शराब बैन, क्या बोला संत समुदाय?

---विज्ञापन---

इस ट्रेन का ट्रायल रन सोनीपत-जींद रूट पर हो रहा है। यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। इस ट्रेन की क्षमता 1200 हॉर्सपावर है, जो एक बार में 2638 यात्रियों को ले जा सकती है। 2800 करोड़ रुपये की लागत से फिलहाल भारत में 35 हाइड्रोजन ट्रेनें तैयार की जा रही हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं।

एक ट्रेन में 8 कोच

एक हाइड्रोजन ट्रेन में 8 कोच होंगे। भारत में तैयार हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया में सबसे लंबी है। इसकी रफ्तार भी दुनिया में मौजूद हाइड्रोजन ट्रेनों में सबसे तेज है। इस ट्रेन को तैयार करने में हरित प्रौद्योगिकी का ध्यान रखा गया है, जिसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम कर शून्य कार्बन लक्ष्य हासिल करना है। ट्रायल के दौरान ट्रेन के सुरक्षा मानकों और तकनीकी क्षमता को परखा जाएगा।

600 करोड़ का अलग से फंड

अगर ट्रायल सफल रहा तो जल्द इसे शुरू किया जाएगा। यह ट्रेन टिकाऊ और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में इंडियन रेलवे का महत्वपूर्ण कदम है। इंडियन रेलवे ने विशेष प्रोजेक्ट ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ के तहत पहाड़ी और हेरिटेज रूट्स पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करने की योजनाएं बनाई हैं। इन योजनाओं के लिए अलग से 600 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।

HISTORY

Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Apr 01, 2025 08:27 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें