Electric Cable Highway From Delhi to Jaipur: दिल्ली से जयपुर जाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब दोनों शहरों के बीच का सफर सिर्फ 2 घंटे में पूरा हो जाएगा। अभी करीब 300 किलोमीटर का सफर करीब 6 घंटे में पूरा होता है, लेकिन जल्दी ही यह सफर सिर्फ 2 घंटे का रह जाएगा। यही नहीं न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि सफर की लागत भी करीब 30 फीसदी कम हो जाएगी। यह जानकारी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने अपने भाषण में इलेक्ट्रिक केबल हाईवे का जिक्र किया, जिसके तहत जल्दी ही दिल्ली से जयपुर के बीच 5 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने लगेंगी। टोल नाके खत्म करके सैटेलाइट आधारित टोल शुरू करने की बात भी कही।
Union Minister #NitinGadkari reveals an electric cable highway plan, promising 2-hour #Jaipur–#Delhi travel at 30% reduced fare. https://t.co/tHIY8fCwch
— National Herald (@NH_India) November 17, 2023
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ई-हाईवे के बारे में नितिन गडकरी क्या कहते हैं?
अपने भाषण में नए प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि जब हमने कहा था कि दिल्ली से मेरठ का सफर 45 मिनट में पूरा होगा तो पत्रकार हंस पड़े थे। आज वही लोग मुझसे कहते हैं कि वे मेरठ से दिल्ली आइसक्रीम खाने आते हैं। अब मैं जयपुर के लोगों को दिल्ली की आइसक्रीम और दिल्ली के लोगों को जयपुर की कचौरी खिलाना चाहता हूं। वह तभी संभव हो पाया, क्योंकि देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया था। राजस्थान में हम 41 हजार करोड़ की लागत से 2 ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भी काम चल रहा है, जिसे जनवरी 2024 तक पूरा करने का टारगेट है। अमृतसर से जामनगर के बीच एक्सप्रेस-वे बन रहा, जो 3 रिफाइनरी को जोड़ेगा। अंबाला-कोटपुतली हाईवे बन रहा है।
राजस्थान में इस समय बन रहे 3 रोड प्रोजेक्ट
गडकरी ने बताया कि राजस्थान में ग्रीन फील्ड रिंग रोड प्रोजेक्ट वसुंधरा राजे के काल में शुरू हुआ था। 1261 करोड़ की लागत से 2020 तक रोड बनी। 2500 करोड़ की लागत से 46 किलोमीटर लंबी 6 लेन रोड दिसंबर 2023 तक पूरी होगी। रिंग रोड दिल्ली-आगरा बाईपास से अचरोल-चौमूं तक बनेगी। जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे को किशनगढ़ तक सुधारा जाएगा। इसके लिए 1100 करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ है। यह काम अगस्त 2024 तक पूरा करने का टारगेट है। अलवर में एक एलिवेटेड रोड बन रहा है, जो सरिस्का टाइगर रिजर्व से लेकर थानागाजी तक जाएगा। 2000 करोड़ की लागत से 2 लेन वाला 23 किलोमीटर लंबा रोड बन रहा है, जिसे दिसंबर तक बना दिया जाएगा। भाजपा की मोदी सरकार राजस्थान को आगे भी ऐसे प्रोजेक्ट देती रहेगी।
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क्या है और कैसे काम करता इलेक्ट्रिक हाईवे?
इलेक्ट्रिक हाईवे पर बिजली से चलने वाली गाड़ियां दौड़ेंगी। जर्मनी और स्वीडन जैसे देशों में हर हाईवे के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक लेन बनी है। यही लेन अब भारत में बन रही है, जो देश की पहली इलेक्ट्रिक लेन होगी। इसके तहत हाईवे के ऊपर या नीचे बिजली के तार लगाए जाते हैं, जिनकी मदद से हाईवे पर बसें दौड़ाई जाएगी। इलेक्ट्रिक बसें या इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी बार-बार चार्ज करनी होती है, लेकिन इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलने वाली बसों के साथ ऐसा नहीं होगा, क्योंकि उन्हें सीधे बिजली की तारों का कनेक्शन मिल जाएगा। अभी तक यह टेक्निक इंडियन रेलवे इस्तेमाल कर रहा है। आज ट्रेनें दौड़ाने के लिए बिजली की तारों का ही इस्तेमाल किया जाता है।