रामनवमी के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों में भव्य शोभायात्राएं निकाली गईं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों को संवेदनशील माना गया, जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
पश्चिम बंगाल में संभावित हिंसा की आशंका को देखते हुए कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया था। इसी बीच कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी रामनवमी पर शोभायात्रा का आयोजन किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भाग लिया। इस शोभायात्रा में TMC के पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष भी शामिल हुए। इस पर कई लोगों की नज़रें टिकीं क्योंकि प्रशासन द्वारा रामनवमी यात्रा को लेकर अनुमति को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी।
कौन हैं कुणाल घोष?
कुणाल घोष का जन्म 20 जून 1968 को हुआ था। उन्होंने अपना करियर पत्रकारिता से शुरू किया और कई अखबारों व टीवी चैनलों में कार्य किया। बाद में वह राजनीति में आए और अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 तक राज्यसभा सांसद रहे।
वर्ष 2013 में कुणाल घोष का नाम सारदा चिटफंड घोटाले में सामने आया था और उन्हें SIT द्वारा गिरफ्तार भी किया गया। गिरफ्तारी के समय उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम भी मामले से जोड़ा था, जिससे राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मच गई थी। कुणाल घोष अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। कभी वे अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाते हैं, तो कभी पार्टी के फैसलों की आलोचना करते हैं। हालांकि, वे हमेशा ममता बनर्जी की प्रशंसा करते दिखाई देते हैं।
ক’দিন আগে পবিত্র ঈদের অনুষ্ঠানে হিন্দুরা আমন্ত্রিত ছিলেন। এখন রামনবমীর উদযাপনে হিন্দুদের পাশে মুসলিমরা। সম্প্রীতির বর্ণাঢ্য মিছিল। উত্তর কলকাতায় ঠনঠনিয়া কালীবাড়ি থেকে শ্যামবাজার পাঁচ মাথার মোড়। ছিলেন মহম্মদ মজিদ, সঞ্জয় বক্সি, সুব্রত বন্দ্যোপাধ্যায়, প্রিয়াল চৌধুরী, অয়ন… pic.twitter.com/WALc5V34Sk
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) April 6, 2025
शोभायात्रा में मुस्लिम भी शामिल, क्या बोले कुणाल घोष?
रामनवमी में भाग लेने के बाद कुणाल घोष ने शोभायात्रा की तस्वीरें X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “कुछ दिन पहले हिंदुओं को पवित्र ईद समारोह में आमंत्रित किया गया था। अब मुसलमान रामनवमी के उत्सव में हिंदुओं के साथ खड़े हैं। यह सद्भावना का एक जीवंत जुलूस है।” यह शोभायात्रा कोलकाता के ठनथानिया कालीबाड़ी से श्यामबाजार फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग तक निकाली गई।
उन्होंने आगे लिखा कि आयोजकों का कहना है कि धर्म व्यक्तिगत होता है, लेकिन त्योहार सभी के लिए होते हैं। धार्मिक अनुष्ठान प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, लेकिन उत्सव समाज का होता है।”
पूरे पश्चिम बंगाल में करीब 2,500 रैलियां निकाली गईं, जिनके लिए 6,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। अगले साल विधानसभा चुनाव भी है, इसके मद्देनजर प्रदेश में कई हाई प्रोफाइल लोग भी इस रैली में शामिल दिखाई दिए।