West Bengal School Teacher Jobs scam: तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी शनिवार सुबह कोलकाता में सीबीआई के सामने पेश हुए। सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को समन जारी कर अभिषेक को निजाम महल स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंचने का निर्देश दिया था। अभिषेक सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर निजाम महल पहुंच गए। इस बीच खबर आ रही है कि अभिषेक बनर्जी कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे, जिसमें ED और CBI को कुंतल घोष पत्र मामले में उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी।
#WATCH पश्चिम बंगाल: TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी कोलकाता में CBI कार्यालय पुहंचे। CBI ने कुंतल घोष पत्र मामले में पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा था। pic.twitter.com/yZMMWwFGOu
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2023
शुक्रवार रात कोलकाता वापस लौटे अभिषेक
अभिषेक बनर्जी इन दिनों पश्चिम बंगाल में यात्रा निकाल रहे हैं। शुक्रवार को वे बांकुरा में चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी उन्हें सीबीआई का समन मिला। इसके बाद वे यात्रा छोड़कर कोलकाता वापस लौट आए। अभिषेक ने एक भाषण में केंद्रीय एजेंसी को चुनौती दी थी कि अगर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार या कदाचार का कोई सबूत है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
यह भी पढ़ें: ₹2000 Notes: क्यों RBI ने वापस लिए दो हजार के नोट, देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति ने गिनाए 6 बड़े कारण
कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बनर्जी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें अदालत के पिछले आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं। घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर एक शिकायत में टीएमसी नेता का नाम सामने आया था। घोष ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन पर स्कूल घोटाला मामले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रही हैं।
9 साल पुराना शिक्षक भर्ती घोटाला
9 साल पहले 2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में कई गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो हाईकोर्ट में मामला पहुंचा। सीबीआई ने 30 सितंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं।
और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें