Interpol Assembly: देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार से तीन दिवसीय इंटरपोल की जनरल एसेंबली का आयोजन होने जा रहा है। इंटरपोल की जनरल एसेंबली का आयोजन 18 से 21 अक्तूबर तक होगा। यह दूसरा मौका है जब भारत इंटरपोल की जनरल एसेंबली की मेजबानी करने जा रहा है। इससे पहले 25 पहले भारत ने इंटरपोल महासभा की मेजबानी की थी। भारत में पहली बार 1997 में इंटरपोल की आमसभा का आयोजन हुआ था।
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इंटरपोल की यह 91वीं महासभा होगी और इस दौरान दिल्ली में 195 देशों के पुलिस प्रमुख और जांच एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे। भारत की तरफ से इंटरपोल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली सीबीआई इस महासभा की मेजबानी करेगी। इस एसेंबली में 170 देशों के डेलीग्रेशन शामिल होंगे। साथ ही विश्व के 35 संगठनों के सदस्य भी जनरल एसेंबली में भाग लेंगे।
इस मीटिंग में आने वाले सालों में सभी देश आपराधिक चुनौतियों का कैसे सामने करेंगे, कैसे आपसी समन्वय के साथ अपराध और अपराधियों पर नकेल कसी जाए समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही नार्को-टेररिज़्म, ड्रग सिंडिकेट, साइबर क्राइम, कुख्यात गैंगस्टर्स के ठिकानों और फ्रॉड से जुड़े अपराधियों और अपराध के पैटर्न पर न सिर्फ चर्चा होगी और एक दूसरे से सूचनाएं साझा करने पर सहमति भी बनाने की कोशिश की जाएगी।
इंटरपोल की जनरल एसेंबली को देखते हुए राजधानी दिल्ली में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रगति मैदान की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दी गई है। सीआईएसएफ के जवान प्रगति मैदान के चारों तरफ तैनात किए जाएंगे। जिन होटलों में विदेशी मेहमान ठहरेंगे, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास रहेगी। दिल्ली पुलिस कर्मियों की तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जनरल एबेंसली को देखते हुए विदेशी मेहमानों को क्लियर पास देने के लिए बड़े पैमाने पर ट्रैफिक परवर्तित किया जाएगा। रूट परिवर्तित करने के दौरान ट्रैफिक को नई दिल्ली से बाहर ही रखा जाएगा।
इंटरपोल क्या है ?
आपको बता दें कि इंटरपोल एक तरह से अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन है। भारत समेत 194 देश इसके सदस्य हैं। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लयोन में स्थित है। इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग के तौर पर 1923 में हुई थी और इसने 1956 में अपने आप को इंटरपोल कहना शुरू कर दिया। भारत 1949 में इसका सदस्य बना। इंटरपोल की महासभा साल में एक बार आयोजित होती है। रोटेशन के आधार पर संस्था का प्रत्येक सदस्य इसकी मेजबानी करता है।
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