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पहलगाम में आतंकियों ने हमले का यही वक्त क्यों चुना? वजह कहीं ये तो नहीं

पहलगाम की हरी-भरी वादियों में जहां लोग सुकून ढूंढने आते हैं, वहां अचानक गोलियों की आवाज गूंज उठी। बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने हर किसी को चौंका दिया। सवाल उठता है आखिर आतंकियों ने इस शांत जगह और इसी समय को ही क्यों चुना? आइए जानते हैं कारण।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 23, 2025 20:14
Terror Attack in Pahalgam
Terror Attack in Pahalgam

जम्मू-कश्मीर का पहलगाम बहुत ही सुंदर और शांत जगह मानी जाती है। यहां हर साल हजारों लोग घूमने आते हैं। लेकिन इस बार वहां कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका दिया। बायसरन नाम की घाटी में मंगलवार को अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया। गोलियों की आवाज और डर से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। इस हमले में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई। अब सभी के मन में एक ही सवाल है आतंकियों ने यही जगह और यही समय क्यों चुना? इस हमले के पीछे कौन था और इसकी साजिश क्या थी? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

पहलगाम में हुआ सबसे बड़ा हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बायसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हुए हैं। यह जगह ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर है और हर साल लाखों पर्यटक यहां घूमने आते हैं। हमले में मारे गए ज्यादातर लोग पर्यटक थे, जो परिवार के साथ छुट्टियां मनाने आए थे। हमलावर सेना की वर्दी में आए थे और उन्होंने लोगों से धर्म पूछकर गोली मारी। हमले का समय दोपहर करीब 3 बजे बताया गया है। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।

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हमले की जिम्मेदारी और मास्टरमाइंड

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि खालिद ने कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तानी सेना के कार्यक्रम में भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण भी दिया था। हमले में छह आतंकी शामिल थे, जिनमें दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकी थे। तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए गए हैं।

आखिर इसी वक्त क्यों हुआ हमला?

विशेषज्ञों के अनुसार, आतंकियों ने यह हमला सोच-समझकर उस वक्त किया जब प्रधानमंत्री मोदी देश से बाहर थे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर थे। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी चल रही है। हमले का समय ऐसा चुना गया ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके और यह संदेश दिया जा सके कि कश्मीर अब भी अशांत है। इससे पहले भी ऐसे हमले तब हुए हैं जब भारत में अमेरिकी नेता मौजूद रहे हैं। इससे पाकिस्तान की पुरानी रणनीति झलकती है।

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मृतकों का विवरण और राज्यों से आंकड़े

इस हमले में मारे गए 26 लोगों में से 6 लोग महाराष्ट्र से थे। गुजरात, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक से 3-3 लोगों की जान गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा से 1-1 व्यक्ति मारे गए। एक नेपाली नागरिक की भी मौत हुई है। घायल लोगों में भी कई राज्यों के लोग शामिल हैं। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और नेपाल के लोग हैं। यह हमला सिर्फ सेना और पुलिस के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। इससे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठते हैं।

First published on: Apr 23, 2025 07:59 PM

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