कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। हर साल लाखों लोग इसकी खूबसूरती देखने और सुकून पाने के लिए यहां जाते हैं। बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे बाग-बगीचे और झीलों में चलती शिकारा की सैर लोगों को बहुत पसंद आती है। लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस खूबसूरत वादी को एक बार फिर डर और दहशत में डाल दिया है। इस हमले में कई मासूम पर्यटकों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में चिंता का माहौल है। अब सवाल ये है कि क्या इससे कश्मीर का टूरिज्म रुक जाएगा? आइए जानते हैं।
पहलगाम में आतंकी हमला और दहशत का माहौल
कश्मीर घाटी में एक बार फिर आतंकियों ने डर फैलाने वाली घटना की है। मंगलवार को पहलगाम में हुए हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस हमले में सीधे-सीधे टूरिस्ट यानी घूमने आए लोग निशाना बने। इस घटना से पूरे देश में डर और गुस्से का माहौल बन गया है। जो लोग कश्मीर घूमने का प्लान बना रहे थे, उन्होंने अब अपनी बुकिंग कैंसिल करनी शुरू कर दी है। गर्मियों का समय वैसे भी कश्मीर में टूरिज्म के लिए सबसे अच्छा होता है, लेकिन अब लोग वहां जाने से डरने लगे हैं। हमले के बाद लोगों को सुरक्षा की चिंता सता रही है। कई टूरिस्ट्स ने आने वाले 4-5 महीनों की बुकिंग भी रद्द कर दी है। इससे टूरिज्म पर बड़ा असर पड़ सकता है।
टूरिज्म सेक्टर को भारी नुकसान की आशंका
हमले के बाद कश्मीर में टूरिज्म से जुड़े सभी कामों पर बुरा असर पड़ा है। सबसे ज्यादा नुकसान होटल वालों को हुआ है, क्योंकि बहुत सारे लोगों ने अपनी होटल बुकिंग कैंसिल कर दी है। टैक्सी चलाने वाले, टूर गाइड, हाउसबोट और शिकारा चलाने वाले लोगों की कमाई भी कम हो गई है। मीडिया की खबरों के मुताबिक, कुछ होटल मालिकों ने बताया कि अप्रैल से अगस्त तक की 60% से 70% तक बुकिंग रद्द हो चुकी है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले महीनों में वहां के लोगों की आमदनी और भी कम हो सकती है। इससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ेगा।
#Pahalgam attack’s toll on Kashmir’s tourism economy is dire—$1B in losses feared as bookings plummet. France, Israel join India in demanding justice. Can global unity curb terror? #Baisaran beauty shattered #KashmirEconomy #PahalgamJustice #TerrorFreeWorld pic.twitter.com/mvDiPCVvEv
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आंकड़ों में देखें कश्मीर टूरिज्म की तस्वीर
जब से धारा 370 हटाई गई है तब से कश्मीर में टूरिज्म यानी घूमने-फिरने का काम बहुत बढ़ा है। साल 2024 में करीब 2 करोड़ 35 लाख लोग कश्मीर घूमने आए। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह संख्या 2 करोड़ 11 लाख थी, 2022 में 1 करोड़ 89 लाख और 2021 में 1 करोड़ 13 लाख टूरिस्ट आए थे, 2020 में जब कोरोना था तब भी 34 लाख लोग कश्मीर घूमने पहुंचे थे। इन आंकड़ों से साफ है कि हर साल कश्मीर में घूमने आने वालों की संख्या बढ़ रही थी। इससे वहां के लोगों को रोजगार मिल रहा था और उनकी आमदनी भी बढ़ रही थी। लेकिन अब जो आतंकी हमला हुआ है, उससे यह बढ़त रुक सकती है। लोग डर की वजह से वहां जाना कम कर सकते हैं, जिससे टूरिज्म पर असर पड़ सकता है और वहां के लोगों की रोजी-रोटी भी खतरे में आ सकती है।
अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा सीधा असर
जम्मू-कश्मीर की कमाई में टूरिज्म यानी पर्यटन का बड़ा योगदान है। यह करीब 8% तक है। साल 2024-25 में राज्य की GDP यानी कुल आमदनी 7% की रफ्तार से बढ़ रही थी। इस बढ़त में सबसे अहम रोल पर्यटन का ही था। पिछले साल कश्मीर का टूरिज्म बिजनेस लगभग 12,000 करोड़ रुपये का रहा। माना जा रहा है कि साल 2030 तक यह बढ़कर 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। सिर्फ गुलमर्ग की ही बात करें तो वहां से पिछले साल 103 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई थी। लेकिन अब जो आतंकी हमला हुआ है, उससे सिर्फ इंसानों की जान नहीं गई, बल्कि पर्यटन जैसे बड़े सेक्टर की प्रगति भी रुक गई है। अब सरकार के सामने दो बड़ी जिम्मेदारियां हैं एक, सुरक्षा को मजबूत बनाना और दूसरी, टूरिज्म को फिर से शुरू करने और बढ़ाने की नई योजना बनाना। सरकार को ऐसी रणनीति बनानी होगी जिससे लोग फिर से बिना डर के कश्मीर घूमने आ सकें।
25 साल बाद कश्मीर के लोगों ने किया खुलकर विरोध
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 25 साल बाद कश्मीर के लोगों ने इसका खुलकर और जोरदार विरोध किया। स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और कहा कि हम पहले हिंदुस्तानी हैं। उन्होंने हमले को कायरता बताया और कहा कि पर्यटकों पर हमला उनके रोजगार पर हमला है। इस घटना के बाद पहली बार कश्मीर की जनता खुलकर आतंकवादियों के खिलाफ आवाज उठा रही है। राजनीतिक दल, धार्मिक संगठन और आम लोग सभी सड़क पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं। कश्मीरियों का कहना है कि यह इंसानियत और उनकी मेहमाननवाजी का कत्ल है, जिससे वे बहुत शर्मिंदा हैं।