Telangana New CM: तेलंगाना में अब मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी दौड़ शुरू हो गयी हैँ, इसी सिलसिले में हैदराबाद में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में डीके शिवकुमार, रेवंत रेड्डी समेत सभी कांग्रेस विधायक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की रेस में रेवंत रेड्डी सबसे बड़े दावेदार बनकर उभरे। रेवंत रेड्डी इस वक्त मल्काजगिरि से सांसद हैं, जिन्हें 20 साल के राजनीतिक अनुभव है… जिनकी उम्र 54 बरस है। केसीआर से बहुत छोटे हैं। रेड्डी के पोस्टरों में उन्हें ‘टॉर्च बियरर’ यानी कि मशाल लेकर आगे चलने वाला बताया जाता है….एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि वो इतने कम समय में कांग्रेस के पोस्टर बॉय कैसे बन गए… इस सवाल पर रेड्डी ने कहा कि 20 साल उन्हें राजनीति करते हुए हो गए हैं और पिछले 15 सालों से वो विपक्ष में हैं और इसने उन्हें जनता से जोड़ा और एक पहचान दी।
तेलंगाना में कांग्रेस के सिर्फ़ 8 विधायक रह गए थे और बहुमत का आंकड़ा 60 का है…. इसी बीच तेलंगाना में बीजेपी भी काफ़ी मज़बूत हुई है और एआईएमआईएम भी कांग्रेस के खिलाफ हमलावर रही है…. लेकिन बावजूद इन सबके रेड्डी कहते हैं कि तेलंगाना की जनता जान चुकी है कि केसीआर और बीजेपी मिले हुए हैं जबकि एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी दोनों के बीच कॉर्डिनेटर के तौर पर काम करती है…
राहुल गांधी के साथ नजदीकियां
रेवंत रेड्डी के हाथ में कांग्रेस की कमान दी गई थी तब कई सीनियर नेता नाजार हो गए थे फिर भी राहुल गांधी ने भरोसा जताया… क्या वही भरोसा था जिसके दम पर रेड्डी ने तेलंगाना जीत लिया। इस चुनाव में टिकट बंटवारे में भी रेड्डी ने कई कड़े कदम उठाए। हालांकि तब इन्हें कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा था….लेकिन अब नतीजों ने साफ कर दिया है कि रेड्डी की रणनीति ही कांग्रेस के लिए तेलंगाना में सूत्रधार बनी… और ऐसे में भले ही उनके सामने मुख्यमंत्री के तौर पर कई नाम हों… लेकिन तेलंगाना में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा वही हैं।
तेलंगाना में मुख्यमंत्री चेहरे की बात करें, तो कई ऐसे नेता हैं जिन्हें दावेदार माना जा रहा है. इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, कैप्टन एन उत्तमकुमार रेड्डी और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क जैसे नाम शामिल हैं. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है।
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समर्थन के नारे लगाए
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले भी रेवंत रेड्डी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे तो उनके समर्थन में ‘सीएम-सीएम’ के नारे लगाए गए।
तेलंगाना का गठन 2013 में हुआ था। इसके बाद ये तीसरा चुनाव है…. और इस बार केसीआर को हैट्रिक लगाने से रोकते हुए… कांग्रेस ने अपनी सरकार बना ली… जिसमें सबसे बड़ा हाथ मुफ्त योजनाओं की होड़ में कांग्रेस का वो दाव भी रहा… जिसमें वो किसी से पीछे नहीं रहना चाहती… और चुनावों में इसकी बानगी देखने को भी मिली… लोकसभा चुनाव से पहले राज्यों की विधानसभा चुनावों में वापसी के लिए कांग्रेस सस्ती और फ्री योजनाओं को फिर से हथियार बनाया है… हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग करके एक तरफ कांग्रेस ने दक्षिण भारत से दिल्ली फतह की रणनीति का ऐलान किया था… तो तेलंगाना चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपनी छह चुनावी गारंटियों का ऐलान भी किया था…