Tamil Nadu: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने इस निर्णय से पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से कोई बात भी नहीं की। इसके बाद से राज्य की द्रमुक सरकार के साथ कड़वाहट बढ़ गई है।
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के पास किसी मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। हम कानूनी तौर पर इसका सामना करेंगे। सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु सरकार राज्यपाल के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है।
बालाजी जेल में हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून को गिरफ्तार किया था। उन पर नौकरी के बदले रिश्वत लेने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई आरोप हैं। बावजूद इसके सीएम एमके स्टालिन ने उन्हें मंत्री के रूप में बरकरार रखा था। बालाजी के पास बिजली और आबकारी विभाग था।
"Minister V Senthil Balaji is facing serious criminal proceedings in a number of cases of corruption including taking cash for jobs and money laundering…Under these circumstances, Governor has dismissed him from the Council of Ministers with immediate effect," Tamil Nadu Raj… pic.twitter.com/mKRXNvNnbb
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 29, 2023
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि सेंथिल बालाजी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। वह मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयाग कर रहे हैं। जांच भी प्रभावित कर रहे हैं। इससे कानूनी प्रक्रियाओं में अड़चन पैदा हो रही है। वर्तमान में सेंथिल आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
उन पर पीएमएलए और आईपीसी की धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। ऐसे में आशंका है कि सेंथिल के मंत्री पद पर बने रहने से वह जांच प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकते हैं।
राज्यपाल अपने आकाओं को खुश कर रहे
द्रमुक नेता सरवनन अन्नादुरई ने राज्यपाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने वाले राज्यपाल कौन होते हैं, क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है? वह सनातन धर्म के अनुसार कार्य कर रहे हैं लेकिन सनातन धर्म हमारे देश का कानून नहीं है। हमारा संविधान हमारी बाइबिल, गीता, कुरान है। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे संविधान को ठीक से पढ़ें। उनके पास अधिकार नहीं है, वह अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस तरीके से काम कर रहे है।
कई महीनों से राज्यपाल और द्रमुच के बीच वार-पलटवार
द्रमुक सरकार और राज्यपाल कार्यालय के बीच संबंध कई महीनों से तनावपूर्ण हैं। द्रमुक ने पिछले साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को याचिका देकर राज्यपाल रवि पर असंवैधानिक आचरण और विधानसभा द्वारा पारित बड़ी संख्या में विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का आरोप लगाया था।
पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल सहित विपक्ष द्वारा शासित अन्य राज्यों में भी इसी तरह राज्यपाल और सरकार के बीच तनावपूर्ण रिश्ते की खबरें आती हैं। राज्यपालों या उपराज्यपालों पर कथित तौर पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया गया है।
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