नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। गुजरात उच्च न्यायालय ने उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी थी। उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के मामले में तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।
गिरफ्तारी पर रोक
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाकर सीतलवाड़ को राहत दी थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश पर सात दिनों के लिए रोक लगा दी थी। जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी।
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सीतलवाड़ को सात दिनों के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देते हुए पीठ ने कहा था कि एकल न्यायाधीश को कुछ समय देना चाहिए था। हम एक सप्ताह की अवधि के लिए एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हैं। कोर्ट ने कहा- हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि एक हफ्ते के लिए भी अंतरिम सुरक्षा न देकर एकल न्यायाधीश पूरी तरह से गलत थे।
शीर्ष कोर्ट ले सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब इस अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है, तो इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ाना आदर्श होता। सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि यह सामान्य मामला नहीं है। उन्होंने दशकों तक देश और प्रदेश को बदनाम किया। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा- उनका आचरण निंदनीय हो सकता है, लेकिन आज हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या किसी व्यक्ति से एक दिन के लिए भी आजादी छीन ली जानी चाहिए?’ अब इस मामले में शीर्ष कोर्ट बुधवार को बड़ा फैसला ले सकता है।
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