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ब‍िना शादी बच्‍चे पर सुप्रीम कोर्ट की आई बड़ी टिप्पणी, सिंगल महिला ने दायर की थी याचिका

Supreme Court on Surrogacy: पेश मामले में 44 साल की सिंगल महिला ने यह याचिका दायर की है। वह बिना शादी के सरोगेसी से मां बनना चाहती है।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 6, 2024 11:07
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Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court on Surrogacy: सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की बिना शादी सरोगेसी से मां बनने की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम इस मसले में पश्चिमी देशों की तरह नहीं कर सकते हैं। इस मामले में हम उन्हें फॉलो नहीं कर सकते हैं। आगे कोर्ट ने कहा कि देश में विवाह संस्थाओं का संरक्षण किया जाना चाहिए। हमें ऐसे संस्थानों को सुरक्षित रखना होगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में सोमवार को जस्टिस बी वी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की डबल बेंच के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई।

बिना शादी सरोगेसी से सिंगल महिला बनना चाहती है मां 

पेश मामले में 44 साल की सिंगल महिला ने यह याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि वह बिना शादी के सरोगेसी के माध्यम से मां बनना चाहती हैं। ऐसे में अदालत उसे इसकी मंजूरी प्रदान करे। इस पर सुनवाई करते हुए डबल बेंच ने सवाल उठाते हुए कहा कि वह ऐसा क्यों करना चाहती हैं, जबकि हमारे देश में तो मां बनने के और भी कई रास्ते हैं। अदालत ने आगे कहा कि कानून के मुताबिक अगर कोई महिला मां बनना चाहती है तो वो शादी कर सकती है। इसके अलावा देश के कानून में बच्चे को गोद लेने का भी अधिकार दिया गया है।

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वेस्ट के देशों में कई बच्चों को तो अपने माता-पिता के बारे में ही नहीं पता 

पूरे मामले को स्पष्ट करते हुए अदालत ने कहा कि हम पश्चिमी देशों की तरह नहीं कर सकते। जहां शादी से पहले बच्चा होना नॉर्मल सी बात है। वहां इसे अटपटा नहीं माना जाता है। अदालत ने कहा कि वेस्ट के देशों में कई बच्चों को तो अपने माता-पिता के बारे में ही पता नहीं होता है। अदालत ने कहा हम भारत में ऐसा कतई होते हुए नहीं देखना चाहते हैं कि बच्चे यहां बिना अपने माता पिता के बारे में जाने इधर-उधर घूमें। अदालत ने कहा कि इस मामले में आप हमें रूढ़िवादी कह सकते हैं, हम इसे स्वीकार करते हैं।

याचिका में सरोगेसी के इस नियम को दी गई चुनौती

जानकारी के अनुसार पेश मामले में सरोगेसी की धारा 2(एस) को चुनौती दी गई है और उसमें बदलाव का आग्रह किया गया है। याचिका के अनुसार इस एक्ट में सिंगल महिला को सरोगेसी से मां बनने की परमिशन नहीं है। नियमों में देश की ऐसी महिला जो 35 से 45 साल की उम्र की है। जो महिला विधवा है या उसका तलाक हो चुका है और वह मां बनना चाहती है तो ऐसी सिंगल महिला को सरोगेसी से मां बनने की इजाजत नहीं है।

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Written By

Amit Kasana

First published on: Feb 06, 2024 11:05 AM

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