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‘आरक्षण का धंधा रेलवे के डिब्बे जैसा…’, निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि देश में जाति आधारित आरक्षण रेल के बोगी की तरह हो गया है। जो लोग इस डिब्बे में चढ़ गए हैं वे दूसरों को अंदर नहीं आने देना चाहते।बता दें कि पूरा मामला महाराष्ट्र निकाय चुनाव से जुड़ा है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 6, 2025 19:19
Supreme Court | Deep Fake Video
सुप्रीम कोर्ट।

सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणियां महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए की। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ी टिप्पणियां की। उन्होंने कहा कि देश में जाति आधारित आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे की तरह हो गया है जो लोग इस डिब्बे में चढ़ते हैं, वे दूसरों को अंदर नहीं आने देना चाहते।

जज ने की ये टिप्पणी

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इस देश में आरक्षण का धंधा रेलवे की तरह हो गया है। जो लोग बोगी में घुस गए हैं वे नहीं चाहते कि कोई और इसमें एंट्री करें। यही पूरा खेल है। बता दें कि महाराष्ट्र में आखिरी बार 2016-17 में निकाय चुनाव हुए थे। चुनाव टलने का मुख्य कारण ओबीसी उम्मीदवारों के लिए कोटा को लेकर कानूनी लड़ाई में पदों की नियुक्ति में देरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत कोटा लागू करने के महाराष्ट्र सरकार के अध्यादेश को रद्द कर दिया था।

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याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने दी ये दलीलें

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि परिसीमन के दौरान ओबीसी की पहचान के बावजूद महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव के लिए डेटा का उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए जल्द चुनाव कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार चुनिंदा अधिकारियों के माध्यम से स्थानीय निकायों को एकतरफा चला रही है।

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कोर्ट ने तय किए तीन स्तरीय परीक्षण

बता दें कि कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए तीन स्तरीय परीक्षण निर्धारित किए हैं। इसमें पहला राज्य के स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति की जांच के लिए आयोग का गठन करना होगा। दूसरा आयोग की सिफारिशों के बाद स्थानीय निकाय में प्रावधान किए गए आरक्षण को अनुपात में बांटना। तीसरा एससी/एसटी और ओबीसी के लिए कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।

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First published on: May 06, 2025 07:19 PM

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