---विज्ञापन---

देश

‘PM-राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकते…’, जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इन हाउस कमेटी की जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी जा चुकी है। ऐसे में वे कोर्ट को निर्देश नहीं दे सकते हैं।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 21, 2025 13:35
Justice Yashwant Verma case Supreme Court verdict
Justice Yashwant Verma

जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इन हाउस इनक्वायरी की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दी गई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सरकार के पास जाइए। इस मामले में वे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कोई निर्देश नहीं दे सकते। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

बता दें कि इस मामले को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लगातार सवाल उठाते आए हैं। मंगलवार को ही एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक न्यायाधीश के घर पर जली हुई नकदी मिली, पर अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई? क्या हम कानून के शासन का पालन कर रहे हैं? न्यायपालिका को जांच और निरीक्षण से दूर रखना किसी संस्था को कमजोर करने का आसान तरीका है।

---विज्ञापन---

उपराष्ट्रपति ने उठाए सवाल

उपराष्ट्रपति ने पूछा कि जस्टिस वर्मा के घर मिली नकदी का सोर्स क्या है? उसका मकसद क्या था? क्या इसने न्यायिक प्रणाली का प्रदूषित किया? इस मामले में बड़ मछली कौन है? मजबूत न्यायिक व्यवस्था लोकतंत्र के अस्तित्व और उसकी समृद्धि के लिए आवश्यक है। वाईस प्रेसीडेंट ने कहा कि यदि इस जांच में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए, तो यह और भी गंभीर मुद्दा है। मामले की वैज्ञानिक जांच जरूरी थी। देश में जांच का काम न्यायपालिका का कार्य है और न्यायिक निर्णय न्यायपालिका का।

ये भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान को अंतरिम जमानत दी, टिप्पणी की टाइमिंग पर उठाए सवाल

---विज्ञापन---

जानें पूरा मामला

बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस स्थित सरकारी आवास पर 14 मार्च की रात को आग लग जाती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यशवंत वर्मा के काम करने पर रोक लगा दी और उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया। 22 मार्च को सीजेआई ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। इस दौरान न्यायमूर्ति ने आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा स्टोर रूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई।

ये भी पढ़ेंः ‘100 साल पुरानी समस्या खत्म कर रहे…’, वक्फ संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलीलें

First published on: May 21, 2025 01:10 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें