---विज्ञापन---

Bulldozer Action पर योगी सरकार को ‘सुप्रीम’ झटका, मनमानी की तो देना होगा हर्जाना

बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हर अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 13, 2024 11:39
Share :
Supreme Court Decision on Bulldozer Action
Supreme Court Decision on Bulldozer Action

Supreme Court Decision on Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर एक्शन कानून नहीं होने का भय दिखाता है। कोर्ट ने कहा कि जब आरोपी एक है तो परिवार को सजा क्यों? सरकारी शक्ति का दुरुपयोग स्वीकार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे। कार्रवाई के दौरान कानून प्रकिया का पालन जरूरी है, नहीं तो घर तोड़ने पर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए।

कोर्ट ने जारी किए दिशा-निर्देश

1.कोर्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि घर गिराने से पहले 15 दिन का नोटिस देना होगा।

---विज्ञापन---

2.नोटिस मिलने के 15 दिन बाद ही बुलडोजर की कार्रवाई की जा सकेगी।

3.इसके अलावा हर जिले का डीमए अपने क्षेत्राधिकार में किसी भी संरचना के विध्वंस को लेकर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगा।

---विज्ञापन---

4.नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि संबंधित लोगों को नोटिस समय पर मिले और नोटिस का जवाब भी सही समय पर मिल जाए।

5.किसी की भी स्थिति में बुलडोजर एक्शन की प्रकिया इस नोडल अधिकारी के जरिए ही होगी।

6.तोड़फोड़ की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी। तोड़फोड़ की रिपोर्ट डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित करनी होगी।

ये भी पढ़ेंः By Election 2024: तीन राज्य की 13 सीटों पर वोटिंग, राजस्थान में मतदान का बहिष्कार

कार्यपालिका न्यायपालिका की जगह नहीं ले सकती

कोर्ट ने फैसले में कई अहम टिप्पणियां भी की है। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक कार्य कार्यपालिका को सौंपे गए हैं। कार्यपालिका न्यायापालिका की जगह नहीं ले सकती। कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती। यदि केवल आरोप के आधार पर अगर किसी का घर ढहाया जाता है तो यह कानून के शासन के बुनियादी सिद्धांत पर प्रहार होगा। कार्यपालिका न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने का निर्णय नहीं ले सकती है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा अगर कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी आरोपी या दोषी के घर को ध्वस्त किया जाता है तो उसका परिवार मुआवजे का हकदार होगा। इसके साथ ही मनमाने और अवैध तरीके से काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़ेंः गर्लफ्रेंड को किसिंग या गले लगाना क्राइम है या नहीं? पढ़ें मद्रास हाईकोर्ट का अहम फरमान

HISTORY

Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 13, 2024 11:03 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें