Nagaland Reservation: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में महिलाओं के आरक्षण मुद्दे पर सुनवाई की। इस दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। केंद्र पर निशाना साधते हुए अदालत ने कहा कि वह भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है। शीर्ष अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए नागालैंड में महिलाओं को आरक्षण देने में विफल रहने पर सरकार से सवाल किया। पूछा कि राज्य में महिलाओं के लिए लिए आरक्षण क्यों लागू नहीं किया गया? सुनवाई के दौरान बीजेपी शासित मणिपुर में हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया।
सुप्रीम अदालत ने कहा, ‘आप अपनी ही पार्टी की राज्य सरकारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते? आप उन अन्य राज्य सरकारों (गैर भाजपा) के खिलाफ अतिवादी रुख अपनाते हैं जो आपके प्रति उत्तरदायी नहीं हैं, लेकिन जब राज्य में आपकी सरकार होती है तो आप कुछ नहीं करते।’
SC की केंद्र को फटकार, कहा-"अपनी पार्टी की सरकारों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते"
◆ नागालैंड में महिला आरक्षण से जुड़ा है मामला
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— News24 (@news24tvchannel) July 25, 2023
अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
अदालत ने नागालैंड में महिला आरक्षण से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। जिसमें नागालैंड सरकार और राज्य चुनाव आयोग (SEC) को महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश देने वाले उसके आदेश का अनुपालन न करने का आरोप लगाया गया था।
जस्टिस कौल ने किए कई अहम सवाल
जस्टिस एसके कौल ने कहा, ‘आरक्षण सकारात्मक कार्रवाई की अवधारणा है। महिला आरक्षण उसी पर आधारित है। आप संवैधानिक प्रावधान से कैसे बाहर निकल सकते हैं? मुझे यह समझ नहीं आता।’
जवाब में अटॉर्नी जनरल नागालैंड ने कहा कि ऐसे महिला संगठन हैं, जो कहते हैं कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए। ये कोई छोटी संख्या नहीं है। ये पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं।
फिर जस्टिस कौल ने कहा कि कहा, ‘नागालैंड एक ऐसा राज्य है जहां महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक स्थिति सबसे अच्छी है। इसलिए हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों लागू नहीं किया जा सकता।’
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