Supermoon 2023 auspicious day: इस साल का आखिरी सुपरमून शुक्रवार 29 सितंबर को दिखाई देने वाला है। खास बात है कि ये दूसरे सुपरमून की तुलना में 14 फीसदी बड़ा होने के साथ ही 30 फीसदी अधिक चमकीला होगा। इसे साल का फसल चंद्रमा भी बताया गया है। जो पूर्णिमा को होता है। खास बात है कि यह विंटर सीजन शुरू होने के पहले दिन सबसे निकट होता है। सुपरमून को पूर्णिमा चंद्रमा कहा जाता है। क्योंकि ये साल के सबसे कमजोर चांद की तुलना में 14 प्रतिशत तक बड़ा होता है। जो 30 प्रतिशत तक अधिक चमकता है। नासा की ओर से इसको पेरिगी का नाम दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये धरती के सबसे पास वाले बिंदु पर है।
अगस्त से छोटा होगा ये सुपरमून
लेकिन कहा जा रहा है कि जो सुपरमून अगले शुक्रवार को उगना है, यह अगस्त के नीले सुपरमून से छोटा होगा। क्योंकि वह सुपरमून इससे ऐवरेज में काफी बड़ा था। अगस्त और इस सुपरमून के बीच लगभग 2715 मील यानी 4370 किलोमीटर का अंतर है। भौतिकी और खगोल विज्ञान से जुड़े एक विशेषज्ञ बताते हैं कि वर्ष में इस समय अधिकतर हार्वेस्ट मून दिखाई देते हैं। ये नाम उनको इसलिए दिया जाता है, क्योंकि सूर्यास्त के आसपास ही पूर्ण चंद्रमा का उदय होता है।
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उत्तरी गोलार्थ में ज्याद रोशनी रात के समय होगी। इसका फायदा उन किसानों को मिलेगा, जो रात के समय खेतों में काम करते हैं। वहीं, प्रत्येक दिन का चंद्रोदय पिछली नाइट से लगभग 50 मिनट लेट होगा। हार्वेस्ट मून के आसपास कई बार देरी स्थान के आधार पर कई मिनट कम हो जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि शिकागो की ही बात करें तो 24 मिनट तक समय घट जाता है। कई बार हमें धारणा होती है कि चांद कक्ष के जितना पास होता है, उतना बड़ा दिखता है।
तीन स्थिति में बदलता है चांद का रंग
29 सितंबर को जो सुपरमून दिखाई देगा, वह अगस्त वाले जितना चमकीला नहीं होगा। बताया गया है कि जब ये क्षितिज से दिखाई देगा, तो पीला, नारंगी या लाल कलर में दिख सकता है। चंद्रमा तीन स्थितियों में रंग बदलता है। उगते या अस्त होते समय, तीसरा चंद्र ग्रहण के समय। जिस कारण पृथ्वी का वायुमंडल लाल और नारंगी को छोड़ प्रकाश को बिखेरता है, जिसके कारण लाल रंग के सूर्योदय, सूर्यास्त होते हैं। हालांकि कई बार बादलों आदि की स्थिति में चमक की स्थिति बदल सकती है।