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सेक्स, वर्जिनिटी समेत इन टॉपिक्स को क्राइम के रूप में पढ़ेंगे छात्र, मेडिकल कोर्स में किया गया बदलाव

नेशनल मेडिकल कमिशन ने MBBS के छात्रों के सिलेबस में कुछ बदलाव किए हैं, जिसे कमिशन की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। फिलहाल कमिशन ने इस बदलाव का कारण नहीं बताया है।

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Sep 4, 2024 19:18
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Sodomy lesbianism reintroduced unnatural sex: नेशनल मेडिकल कमीशन ने मेडिकल स्टूडेंट्स के सिलेबस में बदलाव किया है। इस चेंज के अनुसार डॉक्टरी के छात्रों को अब Sodomy, Lesbianism, हाइमन, वर्जिनिटी जैसे टॉपिक क्राइम के अंतर्गत पढ़ाए जाएंगे। बता दें कि इन सभी टॉपिक्स को साल 2022 में मद्रास हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद सिलेबस से हटा दिया गया था।

जानकारी के अनुसार कमिशन ने सिलेबस में किए इस बदलाव को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। हालांकि अभी तक कमिशन की तरफ से इस बदलाव का कारण नहीं बताया गया है। कमिशन की वेबसाइट के अनुसार नए सिलेबस में फोरेंसिक मेडिसन के छात्रों को अब नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के बारे में डिटेल में पढ़ाया जाएगा। बता दें इन नए कानूनों में रेप और अन्य बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा जैसे अन्य कानूनों के बारे में बताया गया है।

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पहले इसलिए किया गया था बदलाव

इससे पहले साल 2022 में मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश के बाद नेशनल मेडिकल कमिशन ने समलैंगिक व्यक्तियों और एडल्टरी के दौरान बने यौन संबंधों और पशुओं के साथ सेक्स के अपराध के बीच का फर्क मिटा दिया गया है। ताकि स्टूडेंट्स को सेक्स, जेंडर आइडेंटिटी और सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में समझने में ज्यादा आसानी हो। यहां बता दें कि नए सिलेबस में इस बात पर कहीं जोर नहीं है कि छात्रों को जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर के बारे में पढ़ाया ही जाना चाहिए।

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केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

जानकारी के अनुसार कमिशन ने नए सिलेबस में दिव्यांगता संबंधी प्रशिक्षण को भी हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दिव्यांगता अधिकार कार्यकर्ता और कुछ ट्रांसजेंडर एसोसिएशन ने कमिशन के इस नए कदम के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को शिकायत की है इन टॉपिक को फिर से शामिल करने का आग्रह किया है।

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First published on: Sep 04, 2024 07:18 PM

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