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60KM की दूरी महज 14 किमी में होगी पूरी! बन रहा है एशिया का सबसे लंबा रोपवे, ये होंगे 15 स्टेशन

हिमाचल प्रदेश के शिमला में एशिया का सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है। 13.79 किलोमीटर लंबी यह परियोजना ट्रैफिक कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही है। जानें रूट, स्टेशन और इस रोपवे की क्या है खासियत।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 1, 2025 23:19

हिमाचल प्रदेश के शिमला में लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। अब यहां एशिया का सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने और ट्रैफिक कम करने के उद्देश्य से शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जा रहा है। यह एशिया की सबसे लंबी रोपवे परियोजना होगी।

यह परियोजना हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा 1,734.40 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही है। तारा देवी-शिमला रोपवे परियोजना पर काम शुरू हो चुका है।

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रोपवे का रूट और विशेषताएं

यह रोपवे मां तारा देवी और संजौली के बीच चलेगा, जिसकी कुल दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। वर्तमान में इस दूरी को तय करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं, लेकिन रोपवे के माध्यम से इसे मात्र 90 मिनट में पूरा किया जा सकेगा और दूरी घटकर 13.79 किमी रह जाएगी।

इस रोपवे के लिए शिमला और आस-पास के क्षेत्रों में 15 प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे। हर घंटे दोनों दिशाओं से लगभग 2,000 लोग यात्रा कर सकेंगे, और इसमें 660 केबिन होंगे। हर केबिन की क्षमता 8-10 यात्रियों की होगी, जो हर दो से तीन मिनट में एक स्टेशन पर पहुंच जाएगा। पर्यावरण अनुकूल सौर पैनल प्रत्येक केबिन पर लगाए जाएंगे। बोर्डिंग प्वाइंट पर 90 चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

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प्रमुख बोर्डिंग स्टेशन

  • मां तारा देवी
  • न्यायालय परिसर (चक्कर)
  • टुटीकंडी पार्किंग क्षेत्र
  • आईएसबीटी
  • सुरंग संख्या 103
  • रेलवे स्टेशन
  • विजय सुरंग
  • पुराना बस स्टैंड
  • लिफ्ट के पास बोर्डिंग एरिया स्टेशन
  • लक्कड़ बाजार क्षेत्र
  • आईजीएमसी अस्पताल
  • नवबहार
  • सचिवालय

यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ट्रैफिक की समस्या को भी कम करने में मदद करेगी और शिमला के बर्फबारी वाले मौसम में आवागमन को सुगम बनाएगी। मां तारा देवी से शिमला के बीच के स्टेशन में शुरुआत में 220 ट्रॉली लगाई जाएंगी, वहीं जब पूरा रोपवे बन जाएगा तो इनकी संख्या 660 हो जाएगी। परियोजना के लिए 80 प्रतिशत लोन न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और 20 फीसदी खर्चा प्रदेश सरकार वहन करेगी।

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Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Apr 01, 2025 11:19 PM

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