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कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स शुरू में ही बता दिए थे; कोरोना वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट का बड़ा बयान

SII Statement on Covishield Side Effects: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर बयान जारी किया है। इंस्टीट्यूट का बयान कोविशील्ड को लेकर छिड़े विवाद और वैक्सीन का स्टॉक वापस मंगाने के एस्ट्राजेनेका के फैसले के बीच आया है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 9, 2024 08:35
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Covid-19 Vaccine Covishield Side Effects
कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स को लेकर SII ने अपनी बात रखी है।

Serum Institute Clarification On Covishield Vaccine: ब्रिटेन की फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए वैक्सीन को वापस लेने का फैसला लिया है। साथ ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन भी बंद कर दिया है। इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) का बड़ा बयान भी सामने आया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बनाई और मार्केट में उपलब्ध कराई थी

सीरम इंस्टीट्यूट ने बुधवार को बयान दिया कि 2021 में वैक्सीन सप्लाई कराने की शुरुआत में ही पैकेजिंग इंसर्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ थ्रोम्बोसिस सहित वैक्सीन के सभी दुष्प्रभावों का खुलासा किया था, लेकिन एस्ट्राजेनेका के यह कहने के बाद कि कोविशील्ड का टीका लगवाने के बाद शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं, दुनियाभर में हड़कंप मच गया।

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वैक्सजेवरिया के फॉर्मूले पर बनी कोविशील्ड

सीरम इंस्टीट्यूट ने बताया है, उसने दिसंबर 2021 में वैक्सीन की मांग कम हो गई थी, इसलिए कंपनी ने इसका प्रोडक्शन और सप्लाई बंद कर दी थी। ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर के देशों से अपनी कोरोना वैक्सीन वैक्सजेवरिया का स्टॉक वापस मंगाया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को बना रहा था, लेकिन भारत में बन रही वैक्सीन का नाम कोविशील्ड है और यह दवाई उसी फॉर्मूले के अनुसार बनाई गई थी, जिस फॉर्मूले से वैक्सजेवरिया बनाई गई है।

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एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन वापस ले ली है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ने अभी वैक्सीन वापस लेने का फैसला नहीं लिया है। एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन का अपडेट वर्जन मार्केट में उतार दिया है और पुराने वर्जन का स्टॉक वापस मंगा लिया है। कंपनी 5 मार्च को ही वैक्सजेवरिया का स्टॉक मार्केट से वापस मंगाने का फैसला ले चुकी थी, लेकिन आदेश 7 मई को लागू किया गया।

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79 प्रतिशत डोज कोविशील्ड की लगाई गईं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है और शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं। यूरोप में टीकाकरण अभियान शुरू होने के कुछ महीनों के भीतर इस समस्या का पहला मामला सामने आया तो यूरोपियन देशों ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन वैक्सजेवरिया का इस्तेमाल बंद कर दिया।

भारत में वैक्सजेवरिया की तर्ज पर कोविशील्ड बनाई गई, लेकिन अधिकांश लोगों ने इसका टीका लगवा लिया और मार्केट में पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध है, इसलिए SII ने दिसंबर 2021 में कोविशील्ड का उत्पादन बंद कर दिया। टीकाकरण अभियान के दौरान भारत में दी गई 220 करोड़ खुराकों में से 79% से अधिक कोविशील्ड की खुराकें दी गई थीं। लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के अनुसार, जून 2022 तक एक अरब डोज लग चुकी थीं।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: May 09, 2024 07:39 AM

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