Screening Wars: हैदराबाद यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग वॉर छिड़ गया है। गुरुवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया, जबकि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कैंपस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग की।
SFI ने कहा कि BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग गणतंत्र दिवस के अवसर पर सफल रही, जिसमें 400 से अधिक छात्र बीबीसी की ओर से बनाए गए दो पार्टी की सीरीज को देखने आए। बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर हंगामा किया था और इसका विरोध किया था।
Glimpses from the succesful screening of the documentary 'India: The Modi Question' organized by SFI HCU on the Republic Day following the call of SFI CEC. More than 400 students turned out for the screening rejecting the false propaganda and the attempts of ABVP to (1/2) pic.twitter.com/Jy3On3Kps5
— SFI HCU Unit (@SfiHcu) January 26, 2023
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SFI को जवाब देने के लिए ABVP ने कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग की
SFI की ओर से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद जवाब देते हुए ABVP ने द कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग की। हालांकि यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने दावा किया कि स्क्रीनिंग के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और कैंपस का माहौल शांतिपूर्ण था।
उधऱ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि परिसर में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा उनके पदाधिकारियों के साथ मारपीट की गई। एबीवीपी के एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की। जब ABVP कार्यकर्ता मुख्य द्वार से प्रोजेक्टर ला रहे थे, तो विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। प्रशासन की ओर से हमारे प्रोजेक्टर को जब्त करने का प्रयास किया गया।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री के बारे में कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है और एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, विपक्षी दलों ने सेंसरशिप के रूप में डॉक्यूमेंट्री बैन के सरकार के फैसले की आलोचना की है।