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‘ओम शांति…’, सत्यपाल मलिक के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक, X पर लिखा ट्वीट

Satyapal Malik Death: सत्यपाल मलिक के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर ने आज दिल्ली के RML अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके कार्यका में ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी थी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 5, 2025 22:24
Satyapal Malik | PM Modi | Former Jammu Kashmir Governor
सत्यपाल मलिक का करीब 57 साल का राजनीतिक करियर रहा।

PM Modi Tweet: 5 राज्यों के गवर्नर रह चुके सत्यपाल मलिक का आज निधन हो गया। 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक पिछले डेढ़ महीने किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे, जहां आज उपचार के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली। सत्यपाल मलिक के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने अपने X अकाउंट पर ट्वीट लिखकर सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक जताया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

57 साल राजनीति में रहे सत्यपाल मलिक

बता दें कि सत्यपाल मलिक करीब 57 साल राजनीति में रहे। 1968 में छात्र संघ के अध्यक्ष बनने से लेकर गवर्नर बनने तक उनका सियासी सफर शानदार रहा। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस जनता दल, समाजवादी पार्टी के बाद उन्होंने BJP जॉइन की थी। BJP में आने के बाद उनके राजनीतिक सफर को ऊंचाइयां मिली। वे एक बार विधायक, एक बार सांसद, एक बार मंत्री और 5 राज्यों गवर्नर रहे। कई विवादित बयान देकर वे सुखियों में रहे तो उन पर 300 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप भी लगे।

कैसे थे प्रधानमंत्री मोदी संबंध?

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंध उनके राजनीतिक करियर और बयानों के आधार पर जटिल और विवादास्पद रहे। सत्यपाल मलिक ने साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की थी और साल 2012 में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे। इस दौरान उनका प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यक्तिगत संवाद हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें साल 2017 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में 2018-2019 तक सेवा की। इस दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटी।

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मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक थे

मेघायल का राज्यपाल बनने के बाद सत्यपाल मलिक ने BJP विरोधी बयानबाजी करनी शुरू कर दी थी। उन्होंने मोदी सरकार की कई नीतियों की आलोचना की। वे किसान आंदोलन (2020-21), अग्निपथ योजना और पुलवामा हमले (2019) को लेकर मोदी सरकार को आलोचक रहे। उन्होंने दावा किया कि पुलवामा हमला केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी की विफलता का नतीजा था। वहीं इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें चुप रहने को कहा था।

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प्रधामनंत्री मोदी को बताया था घमंडी

एक साक्षात्कार में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 500 किसानों का मुद्दा उठाया तो प्रधामनंत्री मोदी ने जवाब दिया कि क्या वे मेरे लिए मरे हैं? सत्यपाल मलिक ने इसे प्रधानमंत्री मोदी का घमंड बताया था। सत्यपाल मलिक ने यह भी आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रहते हुए उन्हें 2 प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर हुई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया, लेकिन बताने के बावजूद भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

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प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की थी

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ‘कश्मीर के बारे में अज्ञानी’ और ‘भ्रष्टाचार से समझौता करने वाला’ कहा था, जिससे दोनों के बीच राजनीतिक विवाद और बढ़ गया था। सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की थी। साल 2024 में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले को उन्होंने सराहा और कहा कि इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में BJP को फायदा होगा। साल 2022 में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री के रूप में किसानों के समर्थक थे, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें गुमराह किया गया।

नवंबर 2024 में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जाट, सिख और मुस्लिम समुदायों को एकजुट करके साल 2029 के चुनाव में मोदी और BJP को चुनौती देने की रणनीति बन रही है। वहीं एक X पोस्ट में सत्यपाल मलिक ने पहलगाम आतंकी हमले (2025) के लिए प्रधानमंत्री मोदी को डरपोक कहा था और माफी मांगने की मांग की थी।

First published on: Aug 05, 2025 04:27 PM

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