Sarath Chandra Reddy: दिल्ली शराब घोटाले में हैदराबाद के कारोबारी पी.शरत चंद्र रेड्डी का नाम बार-बार आ रहा है। कभी मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी का सरकारी गवाह बनने तो कभी बीजेपी को करोड़ों का चंदा देने के लिए रेड्डी सुर्खियों में बने हुए हैं। बता दें रेड्डी खुद शराब घोटले में एक आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उनकी गवाही को ही आधार बनाकर जांच एजेंसी ने केजरीवाल को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
Looks like @smitaprakash doesn't want people to watch the press conference exposing the BJP. In their tweet, @ANI has intentionally not included @AtishiAAP's important statement where she talks about how BJP received Rs. 59.5 cr from the accused Sarath Chandra Reddy's companies… pic.twitter.com/fL05aeEiKS
---विज्ञापन---— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 23, 2024
कौन हैं शरत चंद्र रेड्डी
शरत रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के मालिक हैं। हैदराबाद के बड़े कारोबारियों में उनकी गिनती होती है। अरबिंदो फार्मा लिमिटेड साउथ की बड़ी कंपनी है, जिसकी शुरुआत शरत के पिता पी.वी. राम प्रसाद रेड्डी ने की थी। शरत ने अपने पिता के बाद बिजनेस संभाला और वह दवा के साथ व शराब कारोबार में भी उतरे। जानकारी के अनुसार उन्होंने BBA में ग्रेजुएशन की है। 21 मार्च को सीएम केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद 23 मार्च को आप नेता आतिशी ने भी कहा कि शरत चंद्र रेड्डी के बयानों के आधार पर ही सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है।
शरत पर शराब घोटाले में आरोप
शरत चंद्र रेड्डी के भाई रोहित रेड्डी YSR Congress पार्टी के नेता वी विजयसाई रेड्डी के दामाद हैं। ईडी का दिल्ली शराब घोटाले में आरोप है कि शरत रेड्डी ने शराब खुदरा क्षेत्रों के 5 लाइसेंस हासिल किए। ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि यह लाइसेंस रेड्डी ने नवंबर 2021 से जुलाई 2022 के दौरान लिए हैं। बता दें साल 2012 में CBI उन्हें जमीन अधिग्रहण मामले का आरोपी बनाया था।
यह भी जानें
जानकारी के अनुसार ईडी ने शराब घोटाले में शरत रेड्डी को 11 नवंबर को गिरफ्तार किया था। मई 2023 में उसे जमानत दी गई थी, जिसके बाद 2 जून को वह इस मामले में सरकारी गवाह बन गए। उनकी गवाही पर ईडी ने इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी की। आप का रेड्डी की कंपनियों पर बीजेपी को 50 करोड़ से अधिक का चंदा देने का आरोप लगाया है।