Sanjay Raut Statement Over Shivsena: शिवसेना (UBT) गुट के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना ही छत्रपति शिवाजी महाराज का असली हथियार ‘वाघ नख’ है। भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना को ‘विभाजित’ करके कमजोर करने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उनके विभाग के अधिकारी ‘वाघ नख’ को लाने के लिए 3 अक्टूबर को ब्रिटेन जाने वाले हैं। ऐसे समय में संजय राउत का बयान आया है। ‘वाघ नख’ का इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था।
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चुनाव आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया
पिछले साल जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत के बाद पार्टी 2 हिस्सों में टूट गई थी और इसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार (MVA) भी गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ने राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था। इस साल फरवरी में निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को शिवसेना नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ आवंटित किया। तब निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए ठाकरे ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया था।
राउत ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि मुनगंटीवार और अन्य नेता राज्य में ‘वाघ नख’ लाने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हैं। राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि वाघ नख महाराष्ट्र के लिए गौरव और स्वाभिमान का विषय है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज की असली वाघ नख है, जिसने (पार्टी) राज्य के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं से मुकाबला किया है।
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भाजपा ने शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश की
राउत ने आरोप लगाया कि पार्टी (शिवसेना) को कमजोर करने की कोशिश में उसे ‘विभाजित’ करके भाजपा ने राज्य को ‘दिल्ली के सामने झुका’ दिया है। राउत ने आरोप लगाया कि जिस हथियार का इस्तेमाल महाराष्ट्र के स्वाभिमान और अखंडता की रक्षा के लिए किया गया था, उसे लाकर आप क्या करेंगे। आपने राज्य को दिल्ली का गुलाम बना दिया है।
राउत ने यह भी मांग की कि जनता दल (सेक्युलर) पार्टी के नाम से सेक्युलर शब्द हटा दें, क्योंकि उसने भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल (सेक्युलर) पिछले महीने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई और कर्नाटक में कांग्रेस से लड़ने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन किया था।