---विज्ञापन---

देश

‘इतिहास और लोगों के बीच रिश्तों पर…’, पाकिस्तान को घर जैसा बताने पर सैम पित्रोदा ने दी सफाई

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए बयान पर मचे बवाल के बाद अब उन्होंने सफाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा कि, हाल की चर्चाओं को देखते हुए मैं अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करना चाहता हूँ.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Sep 19, 2025 21:11
फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए बयान पर मचे बवाल के बाद अब उन्होंने सफाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा कि, हाल की चर्चाओं को देखते हुए मैं अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करना चाहता हूं.

चुनौतियों को नजरअंदाज करने का नहीं था इरादा- सैम पित्रोदा

मेरा उद्देश्य हमेशा उन वास्तविकताओं की ओर ध्यान आकर्षित करना रहा है जिनका हमें सामना करना पड़ रहा है: चुनावी प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे, नागरिक समाज और युवाओं का महत्व, और भारत की भूमिका- चाहे अपने पड़ोस में हो या वैश्विक स्तर पर.

---विज्ञापन---

जब मैंने कहा कि पड़ोसी देशों की यात्रा के दौरान मुझे अक्सर ‘घर जैसा’ महसूस होता है, या यह कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से हमारी जड़ें साझा हैं, तो मेरा आशय साझा इतिहास और लोगों के बीच रिश्तों पर जोर देना था – न कि पीड़ा, संघर्ष, या आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को नजरअंदाज करना.

---विज्ञापन---

क्यों दी विश्वगुरु की अवधारणा को चुनौती

इसी तरह, जब मैंने “विश्वगुरु” की अवधारणा को चुनौती दी और कहा कि यह एक मिथक है कि भारत हमेशा सबकी सोच के केंद्र में है, तो मेरा तात्पर्य छवि पर अति-आत्मविश्वास के बजाय सार्थकता पर जोर देने से था. विदेश नीति को वास्तविक प्रभाव, आपसी विश्वास, शांति और क्षेत्रीय स्थिरता पर आधारित होना चाहिए न कि दिखावे या खोखले दावों पर.

हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी: मुक्त और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना; संस्थाओं को मजबूत करना; युवाओं को सशक्त बनाना; अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करना; और विभाजन की राजनीति का विरोध करना. ये कोई दलगत मुद्दे नहीं हैं- ये हमारी राष्ट्रीय पहचान और मूल्यों के केंद्र में हैं.

देश की सुरक्षा और संरक्षा को करें मजबूत

यदि मेरे शब्दों से किसी को भ्रम हुआ है, तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरा उद्देश्य कभी भी किसी की पीड़ा को कम आंकना या वैध चिंताओं को नजरअंदाज करना नहीं था बल्कि ईमानदार संवाद, सहानुभूति, और एक अधिक ठोस तथा जिम्मेदार दृष्टिकोण को बढ़ावा देना था, जिससे भारत स्वयं को देखता है- और दुनिया उसे देखती है.

यह भी पढ़ें- ‘पाकिस्तान अपने घर जैसा लगता है…’, सैम पित्रोदा का बड़ा बयान

आगे बढ़ते हुए, मैं पारदर्शिता, सम्मानजनक संवाद, और ऐसे भविष्य की दिशा में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हूं जहां हम अपनी संस्थाओं, नागरिक समाज, सुरक्षा और संरक्षा को मजबूत करें, ताकि हमारे कार्य वास्तव में हमारे आदर्शों पर खरे उतरें.

 

 

First published on: Sep 19, 2025 08:22 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.