Sabse Bada Sawal, 24 July 2023: नमस्कार…प्रणाम, मैं गरिमा सिंह। आज सबसे बड़ा सवाल का जवाब पूरा देश जानना चाहता है। मणिपुर की आबादी महज 28 लाख है। मणिपुर सत्ता से पूछता है कि हमारे मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष क्यों साथ खड़े हो नहीं जाते? संसद जहां हमारे चुने हुए माननीय बैठते हैं, वे दंभ भरते हैं वे हमारे मुद्दे उठाते हैं, मणिपुर क्या हक नहीं है कि उनके मुद्दे पर बात हो। लेकिन चर्चा नियमों के फेर में उलझकर रह गई है। नियम 267 के तहत विपक्ष चर्चा चाहता है, वहीं सत्ता पक्ष नियम 176 के तहत चर्चा करना चाहता है।
दरअसल, 267 नियम वह प्रावधान है जिसमें अनिश्चितकाल के लिए चर्चा हो सकती है। इसमें वोटिंग भी होती है। फैक्ट्स रखने होंगे। वहीं, 176 नियम कहता है कि अल्पकालिक चर्चा होगी। इसके तहत सभापति की सहमति सदस्य नोटिस दे सकते हैं। विपक्ष 267 नियम के तहत चर्चा शुरू कराकर अपनी ताकत पूरे देश को दिखाना चाहता है।
बहरहाल इन नियमों में निर्वस्त्र हुई महिलाओं का न्याय उलझकर रह गया है। तीन मई से मणिपुर हिंसा की आग में सुलग रहा है। चार मई को भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया। भीड़ के पास असलहे थे। भीड़ ने घर, दुकानों को आग लगा दी। अब पूरे देश को एक स्वर में पूछना चाहिए कि क्या इसी तरह न्याय होगा? लोगों को राजस्थान की घटना याद दिलाई जाएगी, बिहार की घटना याद दिलाई जाएगी। ये सब घटनाएं मणिपुर की घटना जैसी नहीं हो सकती हैं। चार मई को घटना हुई, 18 मई को एफआईआर हुई। 19 जुलाई को वीडियो नुमाया हुआ तो लोगों को पता चला कि मणिपुर की महिलाएं क्या दर्द सह रही हैं।
1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। क्या मणिपुर की महिलाएं न्याय का हक नहीं रखती हैं। संसद में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे खड़े होकर सत्ता पक्ष कहता है कि हम बापू के आदर्शों पर चलते हैं। विपक्ष भी यही दोहराता है। आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश है शर्मसार…सरकार को कब बचाएंगे ‘सरकार’?
देखिए गरिमा सिंह के साथ बड़ी बहस। इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी, कांग्रेस सांसद अमिबेन याज्ञनिक, टीएमसी प्रवक्ता स्वयं पुरोहित, रक्षा विशेष लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड संजय कुलकर्णी, मणिपुर वुमेन गन सर्वाइवर्स की फाउंडर बीना लक्ष्मी और राजनीतिक एक्सपर्ट सुकेश रंजन ने बात रखी है।
देखिए VIDEO…
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