Sabse Bada Sawal, 20 June 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करूंगा विशुद्ध राजनीति की। खास निगाह होगी विपक्षी गठबंधन और विपक्षी एकता पर बात होगी। 23 जून को पटना में विपक्ष के बड़े नेता एक छत के नीचे बैठेंगे। गिले शिकवे भुला दिए जाएंगे? जो वैचारित मतभेद भुला दिए जाएंगे? क्या इनका संगम हो पाएगा? इस पर सिर्फ विपक्षी खेमे की निगाह नहीं है, सत्ता पक्ष भी नजर गड़ाए हुए है, कि किस तरह की तस्वीर सामने आएगी?
इस बैठक की अहमियत समझने के लिए हमें 49 साल पहले जाना होगा। 5 जून 1974 में विपक्ष पटना में एकजुट हुआ था। अगुवाई जयप्रकाश नारायण कर रहे थे। उस वक्त नीतीश कुमार छात्रनेता थे। आज वे वयोवृद्ध हो गए हैं। वे विपक्षी एकजुटता की कमान अपने हाथों में थामे बैठे हुए हैं। 1974 की एका 2023 में भी देखने को मिलेगी? विपक्ष को एकजुट करने की पहल 10 महीने से हो रही है। कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी आ रहे हैं। एमके स्टालिन होंगे। अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल भी आएंगे।
इस बैठक से पहले विपक्षी खेमे की तरफ से तीर छोड़े जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बैठक का पहला एजेंडा केंद्रीय अध्यादेश होगा। सभी पार्टियों को समझाऊंगा कि कैसे केंद्र सरकार लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है। तो आज का सबसे बड़ा सवाल है कि 23 को दिखेगी 24 की तस्वीर? विपक्ष में अपनी-अपनी डफली…अपना-अपना राग? देखिए बड़ी बहस
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