Sabse Bada Sawal, 09 April 2023: नमस्कार। मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल संडे स्पेशल में मैं बात करने वाला हूं कर्नाटक राज्य की। 10 मई को नेताओं और पार्टियों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। 13 मई को नतीजे आ जाएंगे।
कर्नाटक दक्षिण भारत का एक बड़ा राज्य है। 224 विधानसभा सीट हैं। 113 बहुमत का आंकड़ा है। जिसे पूरा करने का ख्वाज तमाम राजनीतिक दल संजोए हुए हैं। सीधी लड़ाई कांग्रेस और भाजपा में दिखाई देती है। दक्षिण भारत का कर्नाटक इकलौता ऐसा राज्य है, जहां कमल खिला ही नहीं फला फूला भी। मई में जो चुनावी नतीजे आने वाले हैं, वह आने वाले समय की राजनीतिक तस्वीर और उसकी सूरत अैर सीरत भी दिखाएंगे। इसे सेमीफाइनल के तौर देखा जा रहा है। इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तेलंगाना में चुनाव होने हैं। उसके बाद लोकसभा चुनाव होना है। तो क्या कर्नाटक चुनाव से लोकसभा चुनाव का अंदाजा लगेगा। यह एक लाख टके सवाल है।
2018 में 104 सीटों के साथ बड़ी पार्टी बनकर उभरी
2018 में कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 104 सीटें हासिल की। कांग्रेस वोट प्रतिशत ज्यादा लेकर आई। लेकिन सीट आई 80। बाद में बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस किया, आज भी वहां बीजेपी की सरकार है। क्या यह महज विधानसभा होगा या लोकसभा की झलक हमें दिखेगी। क्या ये लड़ाई चेहरों की होगी। दोनों खेमों से दो बड़े चेहरे हैं। बीजेपी से बसवराज बोम्मई और बीएस येदियुरप्पा हैं। येदियुरप्पा पर्दे के पीछे ज्यादा एक्टिव हैं। किसी को सत्ता देकर क्या वो सहज महसूस करेंगे। दूसरे खेमे से डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया में से कौन सामने होगा। इन चेहरों में खेल जातीय समीकरण का भी है। लिंगायत और वोकालिंगा। दो बड़े समुदाय हैं वहां पर। 17 फीसदी लिंगायत और 12 फीसदी वोकालिंगा हैं।
जातियों के समीकरण को भी नजरंदाज नहीं कर सकते
8 फीसदी कुरबा और 17 फीसदी से अधिक दलित वोट बैंक को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। सिद्धारमैया कुरबा से आते हैं। या नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होगा। पीएम मोदी आज कर्नाटक में ही थे। प्रोजेक्ट टाइगर को लेकर बांदीपुरा नेशनल पार्क में देखा गया। दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। एक भी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। कांग्रेस 166 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी हैं।
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