Sabse Bada Sawal, 07 April 2023: नमस्कार। मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं पेंशन की। एक नई पेंशन योजना 2004 से लागू है। एक पुरानी पेंशन योजना थी, जिसके तहत आज भी कई कर्मचारी आते हैं, वे अपनी आखिरी तनख्वाह की आधी रकम पाते हैं। ये उनके बुढ़ापे की सहारा होती है। ये उनकी सुरक्षा का कवच है।
इस पर पिछले कई महीने से एक राजनीतिक जंग चल रही है। विपक्षी खेमा पुरानी पेंशन लागू करता घूम रहा है। इसकी जद में पांच राज्य आ गए हैं। छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के नतीजों ने ये बता दिया कि जिस प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की तादात अच्छी हो तो ये योजना निर्णायक की भूमिका अदा कर सकती है।
केंद्र सरकार कह रही है पुरानी पेंशन योजना अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर देगी। एनपीएस के तहत पीएफएआरडीए के तहत जो पैसा है, उसे दिया नहीं जा सकता है। तो राजस्थान में 35 हजार करोड़ रुपए जो कर्मचारियों का है, उसे दे नहीं सकते हैं। ये कर्ज लेकर घी पीने जैसा है। ये जंग एक रोचक मोड़ पर आ गई है। खबरें आ रही थीं कि वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि नई पेंशन योजना को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। फिर खबर आई कि वित्त सचिव टी सोमनाथन इसकी अध्यक्षता करेंगे।
अब इसकी पूरी रूपरेखा आ गई है। वित्त सचिव के अलावा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव, वित्त विभाग के विशेष सचिव और पीएफआरडीए के उसके चेयरमैन भी होंगे। कमेटी मौजूदगी फ्रेमवर्क में बदलाव की सिफारिश करेगी। इसमें कई शर्त भी रखे गए हैं। तो क्या फिर लागू होगी पुरानी पेंशन योजना? देखिए पूरी बहस…
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