Rules for purchasing tobacco will be strict in Karnataka: छोटी उम्र के लोगों को तंबाकू से बचाने के लिए कर्नाटक सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। नियमों को और सख्त करने की तैयारी की जा रही है। देखने में आया है कि आज के समय में काफी युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। 14-15 साल के लोग भी जमकर सिगरेट के कश लगाते दिख जाते हैं। बीड़ी का भी खूब प्रयोग किया जाता है। ऐसे में सरकार इन लोगों को तंबाकू से दूर करने के लिए नियमों को सख्त करने पर काम कर रही है।
जिसके तहत सिगरेट या तंबाकू खरीद के प्रोडक्ट खरीदने के लिए ऐज को बढ़ाया जा सकता है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव की ओर से भी मंगलवार को इस संदर्भ में जानकारी दी जा चुकी है। जिन्होंने कहा कि तंबाकू प्रोडक्ट खरीदने की फिलहाल उम्र 18 साल है। जिसे बढ़ाकर 21 साल करने की तैयारी की जा रही है। यानी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम में संशोधन को लाया जा रहा है।
हुक्का बार युवाओं को ला रहे गलत रास्ते पर
राव का कहना है कि राज्य में हुक्का बारों को परमिट न देने पर भी मंथन हो रहा है। विधान सौध में खेल मंत्री नागेंद्र की ओर से भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ इस बाबत गहन चर्चा की गई है। जिसमें ये भी बात उठी पब्लिक प्लेस पर इसकी बिक्री को रोका जाए। स्कूलों के अलावा अब अस्पतालों और मंदिरों के पास भी ये प्रोडक्ट नहीं बिक सकेंगे। इन पदार्थों की बिक्री को करने के लिए भी 21 साल उम्र जरूरी होगी।
फिलहाल प्रदेश में उम्र 18 साल है। युवाओं के स्वास्थ्य पर हुक्का बारों के कारण तेजी से गहरा असर पड़ रहा है। हुक्का बार की ओर युवा भी तेजी से आकर्षित होते हैं। जिसके कारण अब अधिनियम में संसोधन की तैयारी की गई है। कानूनी पहलूओं को समझने के बाद ही फाइनल डिसीजन लिया जाएगा।
नशे की शुरुआत का पहला कारण तंबाकू
स्वास्थ्य मंत्री राव ने जोर देकर कहा कि आज नशे के कारण युवाओं का भविष्य बर्बादी की ओर जा रहा है। जिसके कारण सरकार ने निर्णय लिया है कि क्यों न इस बीमारी को जड़ से ही समाप्त कर दिया जाए। सबसे पहले युवा तंबाकू के जरिए ही नशे की शुरुआत करते हैं। जिसके बाद युवा दूसरे नशे शराब आदि की तरफ रुख करते हैं। लेकिन अब इस शुरुआती बीमारी को ही काबू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।