Ranya Rao Smuggling Case: दुबई प्रमुख तौर पर गोल्ड का बड़ा बाजार बनता जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इस समय भारत के बाद सोने का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बन चुका है। दुबई गोल्ड एंड कमोडिटीज एक्सचेंज (DGCX) और दूसरी मार्केट्स वैश्विक सोने के बड़े बाजारों के तौर पर उभरे हैं। यहां के सोने की क्वालिटी ने दुनिया के लाखों टूरिस्ट्स का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जिसके चलते यह शहर भारतीय तस्करों और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों का पसंदीदा बन चुका है। वरिष्ठ अफसर की बेटी और कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर दुबई की चर्चा हो रही है।
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रान्या को 3 मार्च को दुबई से लौटते समय बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) पर हिरासत में लिया गया था। रान्या से 14 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद हुआ था। बता दें कि दुबई के डीरा में प्रतिष्ठित दुबई गोल्ड सूक खुदरा विक्रेताओं, निवेशकों और पर्यटकों का केंद्र माना जाता है, जिसकी शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी। शुरुआत में इसे दुबई क्रीक के किनारे स्थानीय ज्वेलर्स चलाते थे, शुरुआत में मसाला के बदले सोना दिया जाता था। 1940 के दशक में बाजार में नई नीतियों से व्यापार होने लगा, जो 1970 तक जारी रहा। तेल की खोज के बाद गोल्ड सूक दुबई को बड़ी पहचान मिली।
Friday night 7 pm
Shenzhen Shuibei Market #Gold price was down to daily low of RMB 663.5/g
The low price attracted customers looking for bargain pic.twitter.com/FbzEbUrwGn---विज्ञापन---— David Lee (@DavidLe76335983) March 1, 2025
आज यहां 300 से अधिक खुदरा विक्रेता हैं, जहां लाखों पर्यटक खरीदारी करने आते हैं। 2005 में DGCX का शुभारंभ हुआ था। इससे पहले 2002 में दुबई मल्टी कमोडिटी सेंटर (DMCC) की स्थापना की गई थी। दुबई सरकार की रियायतों के कारण यह व्यापारियों के लिए एक रेगुलेटेड और पारदर्शी माना जाता है। DMCC फ्री जोन में 15000 व्यवसाय हैं और जहां सोने की रिफाइनिंग, ट्रेडिंग और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। DMCC का अल्मास टावर सोने और हीरे के व्यापारियों का प्रमुख केंद्र है।
बाहर से आता है सोना
DGCX ने 2022 में 7.6 मिलियन (76 लाख) से अधिक ट्रेडिंग करार होने का दावा किया है। दुबई में दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरियां अमीरात गोल्ड और कालोती प्रेशियस मेटल्स हैं। इन सुविधाओं के जरिए अमीरात में व्यापार किए जाने से पहले सोने की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच होती है। 2022 में दुबई का गोल्ड ट्रेड वैल्यू 75 बिलियन डॉलर (लगभग 65227 करोड़ रुपये) से अधिक हो चुका है, जो वैश्विक गोल्ड मार्केट का 11 फीसदी था। अमीरात ने इस वर्ष 559 मीट्रिक टन सोने का आयात किया, जबकि निर्यात 350 मीट्रिक टन रहा।
सोने पर नहीं लगता जीएसटी
ऑनलाइन गोल्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और गोल्ड ईटीएफ शुरू होने के बाद इसका खुदरा निवेश 2022 में 25 फीसदी तक बढ़ गया। दुबई में सोना सस्ता है, क्योंकि यहां सोने पर GST और टैक्स नहीं लगता। वहीं, भारत में सोने पर 3 फीसदी जीएसटी लगता है। भारत में सीमा शुल्क जैसे अन्य कर भी देने होते हैं, यही वजह है कि दुबई में भारत से 15 से 20 प्रतिशत तक सोना मिलता है। भारत में विश्व स्तरीय रिफाइनिंग और स्टोरेज सुविधाओं की कमी भी है। स्थानीय सोने की कमी यूएई को विभिन्न देशों से सोना आयात करने के लिए मजबूर करती है। खरीदार सोने को वैध या अवैध तौर पर खरीदते हैं।
बेहद ढीले हैं कानून
2019 में तेल के बाद यूएई का सबसे बड़ा निर्यातित कमोडिटी सोना था, जिसका निर्यात 17.7 बिलियन डॉलर (लगभग 15657 करोड़ रुपये) था। घटते तेल भंडारों के बीच दुबई में सोने का महत्व बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से यूएई में मनी लॉन्ड्रिंग और तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। भारत से कम दूरी होना भी स्मगलर फायदे की बात मानते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार यूएई में अवैध सोना अफ्रीकी महाद्वीप से तस्करी करके लाया जाता है। 2012 से 2022 के बीच अफ्रीका से 2500 टन सोना यूएई लाया जा चुका है। दुबई में विदेशी निवेशकों के लिए नियम सरल किए गए हैं। इसका फायदा तस्कर उठाते हैं। News18 की रिपोर्ट के मुताबिक FBI के पूर्व अधिकारी करेन ग्रीनवे के अनुसार दुबई को वित्तीय राजधानी बनाने के लिए स्थापित किया गया था। उसने खुद की पहचान सोने के व्यापार के तौर पर बना ली। यहां के कानून बेहद ढीले हैं।
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