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Ram Mandir Ayodhya: चबूतरा बनने के बाद गर्भ गृह और पांच मंडप निर्माण में आएगी तेजी 

नई दिल्ली: एक बार चबूतरा (plinth) बनने के बाद गर्भ गृह और पांच मंडप सहित अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य में तेजी आएगी। मंगलवार को श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने यह बयान दिया। बता दें मंदिर अधिरचना का निर्माण 6.5 मीटर (21 फीट) ऊंचे चबूतरे पर किया जा रहा है। श्री […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Sep 14, 2022 12:19
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नई दिल्ली: एक बार चबूतरा (plinth) बनने के बाद गर्भ गृह और पांच मंडप सहित अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य में तेजी आएगी। मंगलवार को श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने यह बयान दिया। बता दें मंदिर अधिरचना का निर्माण 6.5 मीटर (21 फीट) ऊंचे चबूतरे पर किया जा रहा है। श्री राम मंदिर के इंजीनियरों की टीम ने चबूतरे के लिए ग्रेनाइट पत्थर का चयन किया है। अधिकांश प्राचीन मंदिरों का निर्माण प्राकृतिक चट्टानी पत्थरों से ही किया जाता है।

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जानकारी के मुताबिक “लगभग 5ft x 2.5ft x 3ft आकार के लगभग 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक पत्थरों के बीच इंटरलॉकिंग कर चबूतरे का निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक ग्रेनाइट पत्थर ब्लॉक का वजन लगभग 3 टन है। चार टॉवर क्रेन, कई मोबाइल क्रेन और प्लिंथ में ग्रेनाइट स्टोन ब्लॉकों के निर्माण और बिछाने के लिए अन्य उपकरणों को लगाया गया है। प्लिंथ क्षेत्र लगभग 3500 वर्गमीटर है जो एक ठोस चट्टान की तरह काम करेगा। ग्रेनाइट स्टोन की सिद्ध और परीक्षण गुणवत्ता कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की खदानों से लगाया गया है।

भरतपुर का नक्काशीदार बलुआ पत्थर

ट्रस्ट के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (खनन मंत्रालय के तहत संगठन) बैंगलोर को खनन स्थल के साथ-साथ श्री राम मंदिर कार्यस्थल पर ग्रेनाइट पत्थरों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। भरतपुर जिले के बंसी पहाड़पुर से नक्काशीदार राजस्थान बलुआ पत्थर का उपयोग करके मंदिर की अधिरचना का निर्माण किया जा रहा है। बंसी पहाड़पुर पत्थर की नक्काशी और निर्माण का काम शुरू हो गया है और लगभग 1200 कुशल तकनीशियन राजस्थान में खानों और कार्यशालाओं और श्री राम मंदिर कार्यस्थल पर लगे हुए हैं।

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2023 तक श्री राम की पूजा का अवसर मिलेगा

बता दें श्री राम मंदिर के अधिरचना में लगभग 4.75 लाख क्यूबिक फीट बंसी पहाड़पुर पत्थर का उपयोग किया जाएगा और अब तक 40 प्रतिशत नक्काशीदार और निर्माण के लिए उपलब्ध है। मुख्य मंदिर में गर्भ गृह, फर्श, मेहराब, रेलिंग और चौखट के लिए राजस्थान के सफेद मकराना मार्बल स्टोन को अंतिम रूप दिया गया है। श्री राम लला मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र में जूते और अन्य निजी सामान जमा करने की सुविधा 5 हजार भक्तों के लिए हॉल का इंतजार, पेयजल, शौचालय और अन्य उपयोगिताओं की सुविधा होगी। दिसंबर 2023 तक भक्तों को भगवान श्री राम के सामने पूजा करने का अवसर मिलेगा। वर्तमान अनुमान के अनुसार मंदिर और परिसर की कुल निर्माण लागत लगभग रु 1800 करोड़ है।

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Amit Kasana

Edited By

Manish Shukla

First published on: Sep 13, 2022 07:12 PM
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