Rahul Gandhi UK Remarks: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर बड़ा जुबानी हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कांग्रेस सांसद की नफरत अब देश के प्रति द्वेष में बदल गई है।
स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये खेद व्यक्त किया कि…क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती?
स्मृति बोलीं- राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश को बदनाम किया
स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश को बदनाम किया। राहुल गांधी ने SC और EC जैसी संस्थाओं का अपमान किया। क्या भारत को अपमानित करना लोकतंत्र है? क्या सदन के अध्यक्ष का अपमान लोकतंत्र है? भारत राहुल गांधी से माफी की मांग करता है।
He defamed the nation on foreign soil. Rahul Gandhi disrespected the institutions like SC and EC. Is humiliating India a democracy? Is disrespecting the chairman of the House a democracy? India demands an apology from Rahul Gandhi: Union Minister Smriti Irani pic.twitter.com/Ky4nt2ou7w
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 15, 2023
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहती हूं, आपने विदेश में कहा कि आपको देश के किसी भी विश्वविद्यालय में बोलने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा है तो 2016 में जब दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का नारा लगा तो आपने उसका समर्थन किया, वो क्या था?
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी से पूछा- आपका कौन सा बयान झूठा था?
स्मृति ईरानी ने कहा कि ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, लेकिन जम्मू में इन सज्जन (राहुल गांधी) ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, ‘ऑल इज वेल इन इंडिया’ कहा था। केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि कौन सा झूठ था, मिस्टर गांधी? भारत में आपका बयान, या विदेश में आपका बयान?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज भारत का प्रत्येक नागरिक भारतीय संसद से क्षमा याचना की मांग करता है, जो केवल सांसदों का समामेलन नहीं है, बल्कि भारतीय जनता की सामूहिक आवाज है, और भारतीय जनता की इच्छा का संवैधानिक प्रतिबिंब है। यह शर्मनाक है कि राहुल गांधी संसद में आने और भारत के खिलाफ अपने अलोकतांत्रिक बयान के लिए माफी मांगने के बजाय आज संसद से अनुपस्थित रहना चाहते हैं।