रेलवे के लोको पायलट लगातार लंबे अरसे अपनी ड्यूटी के दौरान टॉयलेट और खाने के लिए ब्रेक की मांग कर रहे हैं। रांची में तो लगातार लोको पायलट 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोको पायलट की समस्याओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ‘पिछले साल जब मैं रेलवे के लोको पायलटों से मिला, तो उनकी स्थिति जानकर गहरी चिंता हुई थी — 14-14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, न पर्याप्त आराम, न खाने का ब्रेक और न शौचालय की सुविधा। हादसों के बाद रेलवे ‘मानवीय चूक’ कहकर पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कर्मचारियों से कैसे अमानवीय तरीके से काम लिया जाता है। उनकी बुनियादी मांगें थीं — काम के घंटे तय हों और बेहतर माहौल मिले।’
पिछले साल जब मैं रेलवे के लोको पायलटों से मिला, तो उनकी स्थिति जानकर गहरी चिंता हुई थी — 14-14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, न पर्याप्त आराम, न खाने का ब्रेक और न शौचालय की सुविधा।
हादसों के बाद रेलवे ‘मानवीय चूक’ कहकर पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि… pic.twitter.com/BWXuQm48KQ
---विज्ञापन---— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 17, 2025
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दिखावे के लिए कमेटी बनाई
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि ‘सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए कमेटी बना दी, समाधान की कोई मंशा नहीं थी। अब खाना और टॉयलेट ब्रेक जैसी मांगें भी यह कहकर ठुकरा दी गई हैं कि “यह व्यावहारिक नहीं है।” ये न सिर्फ लोको पायलटों के साथ अन्याय है, बल्कि उन करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है जो ट्रेनों से सफर करते हैं। यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं — जब तक सरकार बहरी बनी रहेगी, आवाज़ उठाते रहेंगे’।
लोको पायलटों से मिल चुके राहुल गांधी
बता दें कि पिछले साल राहुल गांधी ने लोको पायलटों से इस मुद्दे पर बातचीत की थी। उन्होंने उस समय कहा था कि लोको पायलट से जुड़े मुद्दों और उनके अधिकारों की आवाज इंडिया गठबंधन संसद में उठाएगा। उन्होंने कहा कि लोको पायलट को गर्मी से खौलते केबिन में बैठकर 16-16 घंटे काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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