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PNB में 183 करोड़ रुपये का घोटाला, CBI ने मैनेजर को किया गिरफ्तार

पंजाब नेशनल बैंक में 183 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। इंदौर की तीर्थ कॉपिकन लिमिटेड कंपनी ने मध्य प्रदेश जल निगम से मिले 974 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए पीएनबी से फर्जी बैंक गारंटी देकर लोन लिया। जांच में पता चला कि बैंक गारंटी फर्जी थी। पढ़ें प्रशांत देव की रिपोर्ट

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 20, 2025 19:17
CBI Punjab National Bank
प्रतीकात्मक फोटो (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

पंजाब नेशनल बैंक में बड़ा घोटाला हुआ है। सीबीआई ने 183 करोड़ की फेक बैंक गारंटी घोटाले में पीएनबी के दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इंदौर की कंपनी तीर्थ काॅपिकन लिमिटेड को मध्य प्रदेश जल निगम से सिंचाई के तीन प्रोजेक्ट 2023 में 974 करोड़ रुपए के मिले।

इसके एवज में कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक से 183 करोड़ की फेक गारंटी देकर लोन लिया। सीबीआई की जांच में पता चला कि गारंटी फेक दी गई। सीबीआई ने इंदौर की कंपनी के ठिकानों पर देश के कई राज्यों में छापेमार की। पंजाब नेशनल बैंक के दो मैनेजर को सीबीआई गिरफ्तार किया है।

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9 मई को दर्ज हुआ केस

सीबीआई ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद 9 मई 2025 को तीन अलग-अलग केस दर्ज करके जांच शुरू की थी। इसमें सीबीआई ने इंदौर की एक कंपनी द्वारा मध्यप्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) को 183.21 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गेरेन्टी का घोटाला सामने आया था। इस कंपनी ने 2023 में मध्यप्रदेश में MPJNL से 974 करोड़ रुपए के तीन प्रोजेक्ट सिक्योर किए थे।

इन कॉन्ट्रेक्ट्स को सपोर्ट करने के लिए 183.21 करोड़ रुपए को 8 फर्जी बैंक गेरेन्टी सबमिट की गई। शुरुआती वेरिफिकेशन के दौरान MPJNL को पीएनबी का अधिकारी बनकर मेल किए गए और झूठे तरीके से बैंक गेरेन्टी को कन्फर्म कर दिया। इन फर्जी कन्फर्मेशन के बाद MPJNL ने इस कंपनी को 974 करोड़ रुपए के तीन कॉन्ट्रेक्ट्स दे दिए।

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20 जून को कई जगहों पर छापेमारी

इस मामले में सीबीआई ने 19 जून 2025 और 20 जून 2025 को बड़े स्केल पर ऑपरेशन चलाया और 23 लोकेशन जिसमें दिल्ली, वेस्ट बंगाल, गुजरात, झारखंड, मध्यप्रदेश में छापेमारी की गई और पीएनबी बैंक के एक मैनेजर समेत दो लोगो को गिरफ्तार किया गया। दोनों को कलकत्ता कोर्ट में पेश करके ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाकर पूछताछ शुरू की गई है।

फर्जी बैंक गेरेन्टी के आरोप में कंपनी सीनियर बैंक मैनेजर पीएनबी गोविंद चंद्रा हंसनदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि कलकत्ता बेस्ड सिंडिकेट फर्जी बैंक गेरेन्टी सिस्टेमेटिक तरीके से बनाकर उन्हें मल्टीपल सिक्योर सरकारी कॉन्ट्रेक्ट्स वाले प्रोजेक्ट्स में सर्कुलेट करता है।

सीबीआई ने दर्ज किया केस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग, बोस्केलिस स्मिट इंडिया एलएलपी, जान डी नल ड्रेजिंग प्राइवेट लिमिटेड और जेएनपीटी मुंबई के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सहित अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और पब्लिक सर्वेंट द्वारा आपराधिक आचरण के आरोप में मामला दर्ज किया है।

2022 में दर्ज हुआ था केस

सीबीआई ने 2022 में जेएनपीटी के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ एक प्रारंभिक जांच PE दर्ज की थी, जिसमें उन पर प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर मूल्यांकन के अनुमानों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने, प्रतिस्पर्धा को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय बोलीदाताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

जांच के दौरान जेएनपीटी अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के बीच आपराधिक साजिश का पता चला, जिससे जेएनपीटी को अवैध रूप से 365.90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले में कुल लगभग 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

First published on: Jun 20, 2025 06:17 PM