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7वीं से ग्रेजुएशन में लगे 30 साल, 19 की उम्र में विधवा; SBI में झाड़ू लगाने वाली महिला कैसे बनी AGM?

Pratiksha Tondwalkar Success Story: एक 17 साल की लड़की, जिसकी 7वीं में पढ़ाई छुड़वा कर शादी कर दी गई। 2 साल बाद पति की मौत हो गई। ससुराल वालों ने घर से निकाला, मायके ने घर में घुसने नहीं दिया। SBI में झाड़ू लगाई और कुछ ही सालों में वो अफसर बन गई। आइए जानते हैं प्रतीक्षा टोंडवालकर की कहानी...

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 21, 2024 15:19
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Pratiksha Tondwalkar Success Story

Pratiksha Tondwalkar Success Story: लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती… हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां उन लोगों पर बिल्कुल फिट बैठती हैं, जो जिंदगी की मुश्किलों से कभी हार नहीं मानते और अपना एक अलग मुकाम बना ही लेते हैं। ऐसी ही एक कहानी है प्रतीक्षा टोंडवालकर की। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में स्वीपर की नौकरी करने वाली प्रतीक्षा की पढ़ाई छूटी, पति का साथ छूटा, हाथ में 1 साल का बेटा था और जेब में फूटी कौड़ी न थी। इसके बावजूद प्रतीक्षा ने न सिर्फ बेटे को पढ़ाया बल्कि अपनी पढ़ाई पूरी करके SBI में अफसर बन गईं।

शादी के 2 साल बाद पति की मौत

महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली प्रतीक्षा टोंडवालकर 7वीं में थीं, जब उनकी पढ़ाई छुड़वा दी गई। 17 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। शादी के 1 साल में बच्चा हुआ, जिसका नाम विनायक रखा गया। विनायक 1 साल का हुआ तभी उसके सिर से पिता का साया उठ गया। महज 19 साल की उम्र में प्रतीक्षा ने अपना पति खो दिया। ससुराल वालों का कहना था कि बेटा नहीं रहा, तो बहू को पाल कर क्या करेंगे? प्रतीक्षा को घर से बाहर निकाल दिया गया। वहीं मायके वालों ने भी यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि शादी के बाद बेटी हमारी जिम्मेदारी नहीं है।

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महीने की सैलरी 60-65 रुपये

प्रतीक्षा कई दिनों तक अपने बेटे के साथ चॉल के बाहर रहीं। आखिर में लोगों के ताने सुनने के बाद सास ने उन्हें घर में आने की इजाजत दे दी। प्रतीक्षा के पति SBI में बुक बाइंडिंग का काम करते थे। प्रतीक्षा ज्यादा पढ़ी नहीं थीं। ऐसे में रोजी-रोटी चलाने के लिए प्रतीक्षा ने बैंक वालों से नौकरी देने की गुजारिश की और उन्हें 2 घंटे की पार्ट टाइम स्वीपर की नौकरी मिल गई। प्रतीक्षा बैंक में झाड़ू लगाती थीं। यह 1985 की बात है, तब उनकी महीने की पगार महज 60-65 रुपये थी। बेटे को पालने के लिए प्रतीक्षा कई जगहों पर पार्ट टाइम काम करने लगीं।

30 साल की उम्र में किया ग्रेजुएशन

प्रतीक्षा टोंडवालकर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने की सोची। कई दोस्तों और बैंक कर्मचारियों की मदद से उन्होंने 10वीं पास कर ली। 10वीं में 60 प्रतिशत नंबर लाने के बाद प्रतीक्षा ने 12वीं की परीक्षा दी और उसमें भी बाजी मार ली। ऐसे में SBI ने भी उन्हें प्रमोशन देते हुए फुल टाइम प्यून की नौकरी दे दी। हालांकि प्रतीक्षा ने पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने नाइट कॉलेज में दाखिला लिया। मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने जूडो-कराटे भी सीखा।

SBI में बनीं अफसर

30 साल की उम्र में प्रतीक्षा ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली। इसके बाद उन्होंने क्लर्क की परीक्षा दी और पास हो गईं। प्रतीक्षा का कहना है कि बैंक में झाड़ू लगाते समय वो अक्सर जब कुर्सियां पोछती थीं, तो सोचती थीं कि कब वो इस कुर्सी पर बैठेंगी। आखिर में प्रतीक्षा का सपना पूरा हो गया। SBI ने उन्हें असिस्टेंट जनरल मैनेजर नियुक्त कर दिया।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 21, 2024 03:19 PM

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