बिहार के दरभंगा में कांग्रेस-राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के लिए अपशब्द कहे गए थे। इसको लेकर जमकर विवाद हुआ। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस पर प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस दौरान अपने ऑनलाइन संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरी मां को कांग्रेस और राजद के मंच से गाली दी गई। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि अपने मंच से इन लोगों ने मेरी मां को गालियां दिलवाई हैं, इनकी महिला विरोधी मानसिकता हम सबके सामने हैं। मैं आपसे अपना दुःख साझा कर रहा हूं। मेरी मां ने मुझे बेहद गरीबी में पाला है। उन्हें गाली दिया जाना हर मां को बुरा लगा होगा। इन्होंने मुझे कैसी-कैसी गालियां नहीं दी हैं। गालियों की लिस्ट बहुत लंबी है। नामदार वालों सोच उजागर हो रही है। RJD राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा गरीब आदिवासी परिवार से आने वाली अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू का अपमान करती है। महिलाओं के प्रति इस नफरत की राजनीति को रोकना बेहद जरूरी है। कैसी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है? मां को गाली देने वालों को भारत की धरती ने कभी माफ नहीं किया। राजद और कांग्रेस को छठी मैया से माफी मांगनी चाहिए। सभी को राजद और कांग्रेस से जवाब मांगना चाहिए। हर गली-मोहल्ले से एक ही आवाज आनी चाहिए, ‘माँ को गाली नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे’। हम राजद और कांग्रेस के अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां को गाली देने वाली मानसिकता, बहन को गाली देने वाली मानसिकता, महिलाओं को कमजोर समझती है। ये मानसिकता महिलाओं को शोषण और उत्पीड़न की वस्तु समझती है इसलिए, जब भी महिला विरोधी मानसिकता सत्ता में आई है, सबसे ज्यादा तकलीफ माताओं, बहनों और बेटियों को ही हुई है। राजद काल में बिहार में अपराध और अपराधियों का बोलबाला था। जब हत्या, फिरौती और बलात्कार आम बात थी। राजद सरकार हत्यारों और बलात्कारियों को संरक्षण देती थी। उस राजद राज का खामियाजा किसे भुगतना पड़ा? बिहार की महिलाओं को भुगतना पड़ा।
पीएम मोदी ने कहा कि राजघरानों में जन्मे ये युवराज एक गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे के दर्द को नहीं समझ सकते। ये चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुए हैं। इन्हें लगता है कि देश और बिहार की सत्ता इनके परिवार की बपौती है। इन्हें लगता है कि इन्हें तो बस कुर्सी मिलनी चाहिए। लेकिन आप देश की जनता ने एक गरीब माँ के मेहनती बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधान सेवक बनाया। ये बात इन्हें हजम नहीं हो रही, इन्होंने मुझे जो गालियां दीं, उनकी सूची बहुत लंबी है।










