World Wildlife Day: घना जंगल, ठंडी हवा और दूर से गूंजती शेर की दहाड़। इसी रोमांचक माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिर के जंगलों में एशियाई शेरों के बीच सफारी का अनुभव किया। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के इस खास मौके पर उन्होंने न सिर्फ इन शेरों को करीब से देखा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण का एक मजबूत संदेश भी दिया। गिर की धरती पर उनकी यह यात्रा सिर्फ एक सफारी नहीं थी, बल्कि प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति प्यार और जिम्मेदारी की झलक थी। आइए इस रोमांचक सफर की हर खास बात जानते हैं।
गिर जंगल में PM मोदी
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गिर वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में लॉयन सफारी का आनंद लिया। इस दौरान उनके साथ कुछ मंत्री और वरिष्ठ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। गिर जंगल एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक निवास स्थान है।
गिर जंगल की खासियत
गिर जंगल भारत के सबसे प्रसिद्ध वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में से एक है, जहां एशियाई शेरों को संरक्षित किया जाता है। PM मोदी ने इस जंगल में वन्यजीवों को करीब से देखा और जंगल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।
सिन्ह सदन में विश्राम
गिर जंगल सफारी से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सिन्ह सदन’ नामक वन विभाग के गेस्ट हाउस में रात बिताई। यह गेस्ट हाउस जंगल सफारी के लिए आने वाले विशेष अतिथियों के लिए बनाया गया है।
सोमनाथ मंदिर दर्शन
गिर सफारी पर जाने से पहले PM मोदी ने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किए। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है और इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत ज्यादा है।
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे पर संदेश
PM मोदी ने इस मौके पर लोगों से अपील की कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “हर जीव का अपना महत्व है, हमें सभी प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।”
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे कब शुरू हुआ?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिन का उद्देश्य दुनिया में मौजूद वन्यजीवों और प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की बैठक
गिर जंगल के मुख्यालय सासन गिर में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बोर्ड में देशभर के वन्यजीव विशेषज्ञ, NGO, सेना प्रमुख और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
₹2,900 करोड़ का प्रोजेक्ट लॉयन
भारत सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ₹2,900 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह प्रोजेक्ट एशियाई शेरों की संख्या बढ़ाने और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित बनाने के लिए काम करेगा।
नई सुविधाएं
गिर में वाइल्डलाइफ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई नई सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनमें वाइल्डलाइफ ट्रैकिंग के लिए हाई-टेक मॉनिटरिंग सेंटर, वन्यजीवों के इलाज के लिए अत्याधुनिक अस्पताल और राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल सेंटर शामिल हैं।
वन्यजीव बचाने का संदेश
PM मोदी ने ‘वंतारा’ केंद्र का भी दौरा किया, जहां घायल और बीमार जानवरों का इलाज और पुनर्वास किया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूक हों और उनकी रक्षा के लिए प्रयास करें।
Today, on #WorldWildlifeDay, let’s reiterate our commitment to protect and preserve the incredible biodiversity of our planet. Every species plays a vital role—let’s safeguard their future for generations to come!
We also take pride in India’s contributions towards preserving… pic.twitter.com/qtZdJlXskA
— Narendra Modi (@narendramodi) March 3, 2025