Pilots do not follow dgca rules: लाख कोशिशों के बाद पायलट, एयर होस्टेस और क्रू मेंबर्स डीजीसीए के रूल फॉलो नहीं कर रहे हैं। कई पायलट और क्रू मेंबर्स इस साल नशे की हालत में प्लेन को टेकऑफ कराने पहुंच गए। जुलाई तक की ही बात करें तो लगभग 40 पायलट अभी नशे की हालत में पकड़े जा चुके हैं, जो प्लेन उड़ाने आए थे। सूत्रों ने बताया कि प्लेन और यात्री की सुरक्षा को लेकर लेकर डीजीसीए की ओर से काफी सतर्कता बरती जा रही है। देशभर में तमाम हवाई अड्डों पर इस साल एक जनवरी से लेकर 31 जुलाई तक लगभग 40 पायलट पकड़े गए हैं। ये लोग नशे की हालत में उड़ान के लिए पहुंच गए। लेकिन जब ब्रीथ एनालाइजर (बीए) टेस्ट हुआ तो ये लोग फेल हो गए। जिसके बाद इनको वापस भेज दिया गया।
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हद है…7 लोग तो चल भी नहीं पा रहे थे
पिछले साल 2021 की बात करें तो 19 पायलट नशे की हालत में मिले थे। वहीं, दूसरा स्टाफ भी नशे के मामले में पीछे नहीं है। इस साल लगभग 108 एयरहोस्टेस और दूसरे स्टाफ कर्मी पकड़े गए हैं, जो बीए टेस्ट में पॉजीटिव मिले हैं। पिछले साल लगभग 124 लोगों को टेस्ट में फेल पाया गया था। वहीं, 2021 में लगभग 39 लोग बीए टेस्ट में फेल मिले थे। इस साल जो लोग नशे की हालत में पाए गए हैं, उनमें से 7 तो ऐसे थे, जो चल भी नहीं पा रहे थे। लड़खड़ाकर चलने के बाद भी ये लोग एयरपोर्ट पहुंच गए।
टेकऑफ से 8 घंटे पहले न करें नशा
बीए टेस्ट फ्लाइट को टेकऑफ कराने से पहले होता है। टेस्ट को पायलट, एयर होस्टेस और दूसरे स्टाफ को पास करना पड़ता है। जो क्रू मेंबर्स पहली बार इस टेस्ट को फेल कर देता है, उसका लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबति कर दिया जाता है। दूसरी बार पकड़े जाने के बाद फिर से 3 महीने का नियम लागू होता है। अगर पायलट या स्टाफ कर्मी तीसरी बार भी इस टेस्ट को फेल कर देता है तो उसको लाइफ टाइम के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है।
मान लिया जाता है कि वह कर्मी नशे का आदी है। अब डीजीसीए की ओर से इस मामले में नियमों को और भी सख्त करने की तैयारी कर ली गई है। फ्लाइट को टेकऑफ कराने से 8 घंटे पहले जरूरी है कि पायलट नशा न करे। इसके बाद भी अगर टेस्ट में फेल हो रहा है तो उसको वापस भेज दिया जाता है।