NCERT Textbooks: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) ने 10वीं कक्षा के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया है। अब हाईस्कूल के बच्चे पीरियाडिक टेबल, लोकतंत्र और उर्जा के स्रोत जैसे तीन चैप्टर नहीं पढ़ पाएंगे। परिषद ने इन तीनों चैप्टर्स को हटा दिया है। इसे हटाने के पीछे परिषद ने छात्रों पर बोझ कम करने का तर्क दिया है।
बता दें कि साल की शुरुआत में 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से विकास के सिद्धांत को हटाने से काफी बवाल मचा था। 1,800 से अधिक वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने चिंता व्यक्त करते हुए एक खुला पत्र लिखा था। सरकार ने हालांकि सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया था।
NCERT drops full chapters of Periodic Classification of Element, Democracy, political parties (full page) and Challenges to Democracy from class 10th textbook to reduce the content load on students in view of the COVID-19 pandemic: NCERT (National Council of Educational Research… pic.twitter.com/KsGUh80Wzu
— ANI (@ANI) June 1, 2023
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NCERT ने कहा- बच्चों का बोझ कम किया गया
अब 10वीं की नई किताबों से पीरियाडिक टेबल जैसे चैप्टर हटाने की बात सामने आई है। इनमें पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability) और ऊर्जा के स्रोत (Sources of Energy) का चैप्टर भी है। लोकतंत्र, लोकतंत्र की चुनौतियों और राजनीतिक दलों पर पूर्ण अध्याय भी हटा दिए गए हैं।
एनसीईआरटी का कहना है कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण कोर्स को तार्किक बनाया जा रहा है। बच्चों पर बोझ कम किया जा रहा है। छात्र इन चैप्टर को आगे पढ़ पाएंगे। इसके लिए उन्हें कक्षा 11 और 12वीं में इन विषयों को चुनना होगा।
कौन-कौन से चैप्टर्स हटाए, क्लिक कर देखें पूरी लिस्ट
दो दिन पहले 12वीं से हटाई गई थीं खालिस्तान से जुड़ी लाइनें
दो दिन पहले मंगलवा को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12वीं की पॉलिटिकल साइंस टेक्स्ट बुक्स से खालिस्तान से जुड़ी लाइनें हटाने का फैसला लिया। यह निर्णय आज विशेषज्ञ समिति की बैठक में लिया गया।
स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बताया कि कक्षा 12 पॉलिटिकल साइंस के पंजाब के चैप्टर में दो-तीन जगह ऐसी लाइन थीं, जिसके सन्दर्भ में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा NCERT के सचिव को एक पत्र लिखकर इन्हें हटाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि आनंदपुर साहिब के बारे में गलत जानकारी दर्ज की गई है, इन पर NCERT विचार करें। साथ ही NCERT की किताबों से उस बात का भी हटाया जाए, जिसमें सिखों को अलगाववादियों के तौर पर बताया गया है।
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