Transgender Passport Update: विदेश में जेंडर अफरमेशन सर्जरी करवाने वाले ट्रांसजेंडर लोगों के लिए विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट में डेटा अपडेट करने की प्रोसेस के बारे में दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि पासपोर्ट रिन्यूअल का प्रोसेस शुरू करने के लिए उस व्यक्ति को देश लौटते समय किन डॉक्यूमेंट को दिखाना जरूरी होगा। इन डॉक्यूमेंट्स में अपडेट किया गया डेटा होता है। आइए इन डॉक्यूमेंट के बारे में जानते हैं।
जरूरी होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
अगर कोई विदेश में जाकर जेंडर अफरमेशन सर्जरी करा रहा है तो देश वापस लौटते समय उसके पास कुछ डॉक्यूमेंट होने जरूरी हैं। इसमें एक मेडिकल सर्टिफिकेट होगा, जो इस सर्जरी की पुष्टि करेगा। ये सर्टिफिकेट उस देश के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित होना चाहिए, जहां सर्जरी की गई थी।
सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई कि विदेश मंत्रालय के वकील ने कोर्ट को बताया है कि अगर कोई व्यक्ति जेंडर चेंज की पुष्टि करने वाला एफिडेविट के साथ सपोर्टिग सर्टिफिकेट या सर्जिकल रिकस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट भी दे देता है तो ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम, 2019 के तहत सर्टिफिकेट की आवश्यकता को माफ कर दिया जाएगा।
जरूरी हैं ये सर्टिफिकेट
आपके पास जेंडर चेंज आईडेंटिटी के लिए वैलिड सर्टिफिकेट (फॉर्म-1) या ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट, 2019 या ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) नियम, 2020 के तहत जारी की गई एक लॉग टर्म आईडी (फॉर्म-6) होनी चाहिए, जिसमें आवेदक का जेंडर दर्शाया गया हो।
इसके अलावा आवेदक जेंडर चेंज की पुष्टि करने वाला सर्टिफिकेट के साथ में उस अस्पताल का एक सपोर्टिंग सर्टिफिकेट या सर्जिकल री-कंस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट भी दे सकते हैं, जहां उसने अपनी जेंडर चेंज सर्जरी कराई है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि यदि आवेदक उपरोक्त में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ है, तो उन्हें एक इमरजेंसी जारी किया जा सकता है, जिसमें यह लिखा होगा कि कि उसने जेंडर अफरमेशन के लिए सर्जरी की है। भारत पहुंचने पर, व्यक्ति संबंधित अधिकारियों से जरूरी डॉक्यूमेंट हासिल कर सकता है और अपडेटेड जेंडर के साथ अपने नए पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
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