प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् के टुकड़े क्यों किए गए? वंदे मातरम् के विरोधियों को जवाब क्यों नहीं दिया गया? जवाहरलाल नेहरु को मुस्लिम लीग को जवाब देना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस ने विरोध के आगे घुटने टेक दिए. इसी विरोध के चलते कांग्रेस को विभाजन के लिए मजबूर होना पड़ा. कांग्रेस की वजह से वंदे मातरम् के टुकड़े हुए, किए गए और होने दिए गए.
Parliament Winter Session Day-6 LIVE Updates: संसद के शीतलकालीन सत्र का आज छठा दिन है और आज दोनों सदनों में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा होगा, जिसके लिए 10 घंटे का समय तय किया है. लोकसभा में चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी करेंगे, वहीं राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह चर्चा का आगाज करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत BJP के कई मंत्री-सांसद बारी-बारी ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा का हिस्सा बनेंगे. वहीं कांग्रेस इस चर्चा और दावों का जवाब देगी.
इसलिए कराई जा रही है चर्चा
बता दें कि वंदे मातरम् पर चर्चा कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने दिया था और इसका मकसद देशवासियों को राष्ट्रीय भावना, सांस्कृतिक गौरव और एकता का संदेश देना है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 के मद्देनजर प्रदेश में BJP के लिए सांस्कृतिक और भावनात्मक माहौल बनाना, 1937 में वंदे मातरम् के टुकड़े करने की कहानी लोगों को बताना, बंगाल विभाजन और स्वतंत्रता आंदोलन की याद दिलाकर देशभक्ति की भावना को मजबूत करना भी BJP का लक्ष्य है.
लोकसभा-राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा से जुड़े पल-पल के लाइव अपडेट्स के लिए बने रहें News 24 के साथ…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीयों ने वंदे मातरम् को आवाज बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ी. वंदे मातरम् का जन-जन से जुड़ाव था, यह मंत्र देश के स्वतंत्रता संग्राम की लंबी गाथा है. वंदे मातरम् ही अंग्रेजों के अत्याचारों का जवाब था. जब वंदे मातरम् लहर बनने लगा, तो अंग्रेजों को अपनी जड़ें उखड़ती नजर आईं. तब उन्होंने सोचा कि भारत को बांटकर, टुकड़े करके ही इस पर राज किया जा सकेगा. इसके लिए उन्होंने बंगाल को मोहरा बनाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब बंकिम दा ने वंदे मातरम् लिखा और प्रकाशित करके जन-जन तक पहुंचाया, तभी वंदे मातरम् स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज बन गया था. अंग्रेज भारत को कमजोर करने पर तुले थे. कुछ भारतीय भी अंग्रेजों के डर से उनकी भाषा बोलने लगे थे, देा को निकम्मा, आलसी साबित करने पर तुले थे, जब वंदे मातरम् ने उन भारतीयों में देशभक्ति की ज्वाला भड़काई थी. आजादी के लिए लड़ने वालों का संकल्प बन गया था वंदे मातरम्, इसलिए जब अंग्रेजों को वंदे मातरम् की गूंज से अपने जड़ें हिलती दिखीं तो उन्होंने इस पर बैन लगा दिया. अखबारों का नाम वंदे मातरम् रखा गया तो अंग्रेजों ने अखबार को भी बैन कर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक लड़ाई, आजादी की लड़ाई का मंत्र नहीं था, बल्कि वंदे मातरम् अंग्रेजों के खिलाफ चट्टान की तरह खड़ा था. वंदे मातरम् ने अपनी मां भारती को गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने की पवित्र जंग बेटा बनकर लड़ी. वेद काल में भी कहा गया है कि धरती भूमि मेरी माता है और मैं पृथ्वी का पुत्र हूं. वंदे मातरम् ने भी बेटे का फर्ज निभाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज यहां कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है, मैं यहां वंदे मातरम् की 150 साल की यात्रा पर चर्चा करने आया हूं. आज पूरे देश के लिए भारत माता की वंदना के प्रतीक वंदे मातरम् का रण स्वीकार करने का मौका है. सदन को, पूरे देश को इस मौके को जाने नहीं देना चाहिए. भारतीय संस्कृति, परंपराएं और विरासत सदियों पुरानी है, लेकिन अंग्रेजों ने गुलामी की जजीरों में जकड़कर भारत को सोने की चिड़िया से बंधक बना दिया, लेकिन अब भारत 2047 में विकसित भारत बनकर रहेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् की 150 साल की यात्रा कई पड़ावों से गुजरी. जब वंदे मातरम् 50 साल का हुआ तो देश गुलामी की जंजीरों में बंधा था. 100 साल का हुआ, तब भारत में आपताकाल लगा था. जब वंदे मातरम् 100 साल का हुआ, तब संविधान का गला घोंटा गया. जब वंदे मातरम् 100 साल का हुआ तो कालाखंड उजागर हुआ. जंग-ए-आजादी में वंदे मातरम् देशभक्ति का प्रतीक था, विरोध करने का सबसे मजबूत मंत्र था और अंग्रेजों के खिलाफ भावनात्मक नेतृत्व था. इस मंत्र ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी थी, प्रेरणा दी थी. स्वतंत्रता सेनानियों को त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था.
लोकसभा में वंदे मातरम् पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन शुरू हो गया है. उन्होंने सदन में उपस्थित लोगों को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने की बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का साक्षी बना है. गुरु तेग बहादुर का 350वीं बलिदान दिवस मना रहा है. सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती भी मना रहा है. उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि देशवासी वंदे मातरम् के 150 पूरे होने के एतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं.
लोकसभा में कांग्रेस ने इंडिगो एयरलाइन को लेकर गहराए संकट का मुद्दा उठाया. सांसद गौरव गोगोई ने सवाल पूछा, जिसके जवाब में स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि अभी मंत्री महोदय राज्यसभा में हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र की छठे दिन कार्यवाही शुरू हो चुकी और प्रश्नकाल जारी है. 12 बजे प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा की शुरुआत करेंगे, वहीं राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत करेंगे. BJP के बाद कांग्रेस की ओर से चर्चा का जवाब देते हुए अपनी बात मुद्दे पर रखी जाएगी, वहीं इस मामले में हंगामे के आसार भी हैं.










