Parliament Members Benefit Or Loss Due To Suspension: संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर हंगामा करने पर दोनों सदनों से विपक्ष के 143 सांसद बाकी के पूरे सेशन के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। इसमें लोकसभा के 97 और राज्यसभा के 46 सांसद हैं। निलंबित सांसदों पर वेल में आकर तख्तियां दिखाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप है। कार्रवाई करते हुए लोकसभा स्पीकर और राज्य सभापति ने सांसदों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही एक नोटिस जारी किया। इसमें लिखा है कि निलंबन के दौरान सांसद संसद रूम, लॉबी और वेल में नहीं आ पाएंगे। संसदीय समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। उनके द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं होगा। वे समितियों के चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे। सांसद निलंबन की अवधि के दौरान दैनिक भत्तों के हकदार नहीं होंगे, लेकिन सैलरी पूरी मिलेगी। इससे एक सांसद को 60 से एक लाख रुपये तक का नुकसान होगा।
#WATCH | Lok Sabha MPs C Thomas and AM Ariff suspended for the winter session of Parliament for “displaying placards and entering the Well of the House” pic.twitter.com/SkMYPMa2TO
— ANI (@ANI) December 20, 2023
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सांसदों को नियम 256 के तहत सस्पेंड किया गया
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निलंबिन प्रस्ताव रखा था, जो ध्वनि मत से पारित हुआ। लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को सांसद नियमावली के नियम 373, 374 और 374ए के तहत सस्पेंड किया है। राज्य सभापति ने नियमावली के नियम 255 और 256 के अनुसार कार्रवाई की है। दोनों सदनों में अगर सांसद का व्यवहार किसी भी तरीके से आपत्तिजनक लगता है तो स्पीकर और सभापति सांसदों को निलंबित कर सकते हैं। संसद के इतिहास में अब से पहले सबसे बड़ा निलंबन लोकसभा में साल 1989 में हुआ था। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को लेकर सांसदों ने हंगामा किया था। तब 63 सांसदों को एक साथ सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं अगर सांसद अपने कृत्य के लिए माफी मांग लेते हैं तो स्पीकर और सभापति सस्पेंशन रद्द कर सकते हैं। सांसदों के संस्पेंशन के खिलाफ प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है। अगर प्रस्ताव पास हो जाए तो निलंबन खुद हट जाता है, लेकिन सस्पेंशन को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता है। वहीं संसद में एंट्री करते समय एंट्री रजिस्टर पर साइन भी नहीं कर पाएंगे।
#WATCH | On suspension of MPs from the House, JD(U) MP Rajiv Ranjan (Lalan) Singh says, “They are making fun of the Constitution. To date, in the history of democracy, this has happened for the first time…The opposition only wanted Union Home Minister Amit Shah to come to the… pic.twitter.com/J851JQtAyM
— ANI (@ANI) December 20, 2023
सस्पेंड किए गए प्रमुख सांसद
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम
- समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव
- NCP सांसद की सुप्रिया सुले
- DMK सांसद एस जगतरक्षकन, डीएनवी सेंथिल कुमार
- जदयू के सांसद गिरिधारी यादव
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