जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद डरे सहमे टूरिस्टों को संभालने कश्मीरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने टूरिस्टों को सांत्वना दी। उनका दुख दर्द बांटा। कश्मीर के लोग हमले की जानकारी मिलते ही टूरिस्टों, पुलिस और सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए आगे आए। कश्मीरी लोगों ने टूरिस्टों को अपने घरों में पनाह दी। घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया। उनके खाने-पीने का इंतजाम कराया। मीडिया से बात करते हुए टूरिस्टों ने कश्मीरी लोगों की जिंदादिली की कहानी भी बयां की। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
वीडियो में टूरिस्टों के साथ कश्मीरी लोग नजर आए। टूरिस्टों ने बताा कि कश्मीरी लोगों ने हमें अपने घर बुलाया और खाना खिलाया। बोले पैसा चाहिए तो हम देंगे। हम आपको मुफ्त में गुजरात पहुंचाएंगे। वे बोल रहे थे कि आतंकी हमले से उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने शाम का खाना तक नहीं खाया, उन्हें बहुत बुरा लगा। कश्मीर के लोग बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि हम ब्लैक डे मनाएंगे। मन बहुत दुखी है। ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान! यह जज्बा, यह एकजुटता, यह प्रेम सभी भारतीयों को एक रखेगा और यह एकजुटता देखकर बांटने की कोशिश करने वाले जाहिल हारेंगे।
“कश्मीरी लोगों ने हमें अपने घर बुलाया। खाना खिलाया। बोले पैसा चाहिए तो हम देंगे। हम आपको मुफ्त में गुजरात पहुंचाएंगे। वो बोल रहे थे कि हमने शाम का खाना नहीं खाया, हमें बहुत बुरा लगा। ये बहुत अच्छे लोग हैं।”
---विज्ञापन---ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान! यह जज्बा, यह एकजुटता, यह प्रेम हमें एक… pic.twitter.com/o4jdrCdoWM
— Dr Monika Singh (@Dr_MonikaSingh_) April 23, 2025
कश्मीरी युवक ने घायल को अस्पताल पहुंचाया
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पहलगाम के शॉल विक्रेता सज्जाद अहमद भट को पहलगाम आतंकी हमले में घायल एक पर्यटक को अपनी पीठ पर लादकर सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहलगाम पोनी एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहीद वान ने हमारे समूह में बैसरन घाटी में हुई घटना के बारे में संदेश दिया। इसलिए हम उनके साथ गए और दोपहर 3 बजे के आसपास उस स्थान पर पहुंचे।
हमने घायलों को पानी पिलाया और जो चल नहीं सकते थे, उन्हें पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया। मानवता धर्म से पहले आती है। पर्यटकों की मदद करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि वे हमारे मेहमान हैं और हमारी आजीविका उन पर निर्भर करती है। हम उनमें से कई को अस्पताल लेकर आए। हमें अपनी जान की परवाह नहीं थी क्योंकि जब हम वहां गए तो लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। मैंने पर्यटकों को रोते हुए देखा तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। उनके आने से हमारे घरों में दीये जल उठते हैं।
#WATCH | Pahalgam, J&K | In a viral video on social media, Sajad Ahmad Bhat, a shawl hawker from Pahalgam, can be seen carrying a tourist injured in the #PahalgamTerroristAttack to safety on his back.
He says, “… The Pahalgam Poney Association president, Abdul Waheed Wan,… pic.twitter.com/cBNTFu3LDA
— ANI (@ANI) April 24, 2025
बैसरन घाटी तक नहीं जा सकते वाहन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बचाव प्रयासों में सुरक्षाबलों की मदद करने पर पहलगाम ATV स्टैंड के अध्यक्ष इरशाद अहमद कहते हैं कि शुरू में, हम बाइक लेकर घर चले गए। फिर हमें फोन आया कि स्थिति सामान्य है और हमें बचाव के लिए जाना है। हम अपनी सभी बाइक लेकर बैसरन घाटी चले गए, क्योंकि यह एक गैर-मोटर वाहन योग्य सड़क है। इसलिए हमने अपनी एटीवी ली। हम पिछले 2 दिन से अपने एटीवी पर सुरक्षाबलों और पुलिस को घाटी में ले जा रहे हैं।
मैं ही वह व्यक्ति था, जिसने नौसेना अधिकारी (लेफ्टिनेंट विनय नरवाल) और उनकी पत्नी को एम्बुलेंस तक पहुंचाया। मैंने रास्ते में उनकी नब्ज देखी तो पता चला कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। उस समय, मैंने उनकी पत्नी से झूठ बोला कि वह जीवित हैं और उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए। जब मैंने वहां की स्थिति देखी तो मैं 4 बार रोया। हम नहीं चाहते कि हमारे कश्मीर में ऐसी घटनाएं कभी दोहराई जाएं।
#WATCH | Pahalgam, J&K | On helping the security forces in rescue efforts following the #PahalgamTerroristAttack, President of Pahalgam ATV stand, Irshad Ahmad, says, “… Initially, we took the bikes and went home. Then we received a call that the situation is normal and we have… pic.twitter.com/76B9dtpBUr
— ANI (@ANI) April 24, 2025