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ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान! दर्द बांटने आए कश्मीरी…भारतीयों की दुश्मनों को खुली चुनौती

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद डरे सहमे टूरिस्टों को संभालने कश्मीरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने टूरिस्टों को सांत्वना दी। उनका दुख दर्द बांटा। कश्मीर के लोग हमले की जानकारी मिलते ही टूरिस्टों, पुलिस और सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए आगे आए। कश्मीरी लोगों ने टूरिस्टों को अपने घरों में […]

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 24, 2025 12:06
Pahalgam Terror Attack 2025

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद डरे सहमे टूरिस्टों को संभालने कश्मीरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने टूरिस्टों को सांत्वना दी। उनका दुख दर्द बांटा। कश्मीर के लोग हमले की जानकारी मिलते ही टूरिस्टों, पुलिस और सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए आगे आए। कश्मीरी लोगों ने टूरिस्टों को अपने घरों में पनाह दी। घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया। उनके खाने-पीने का इंतजाम कराया। मीडिया से बात करते हुए टूरिस्टों ने कश्मीरी लोगों की जिंदादिली की कहानी भी बयां की। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

वीडियो में टूरिस्टों के साथ कश्मीरी लोग नजर आए। टूरिस्टों ने बताा कि कश्मीरी लोगों ने हमें अपने घर बुलाया और खाना खिलाया। बोले पैसा चाहिए तो हम देंगे। हम आपको मुफ्त में गुजरात पहुंचाएंगे। वे बोल रहे थे कि आतंकी हमले से उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने शाम का खाना तक नहीं खाया, उन्हें बहुत बुरा लगा। कश्मीर के लोग बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि हम ब्लैक डे मनाएंगे। मन बहुत दुखी है। ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान! यह जज्बा, यह एकजुटता, यह प्रेम सभी भारतीयों को एक रखेगा और यह एकजुटता देखकर बांटने की कोशिश करने वाले जाहिल हारेंगे।

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कश्मीरी युवक ने घायल को अस्पताल पहुंचाया

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पहलगाम के शॉल विक्रेता सज्जाद अहमद भट को पहलगाम आतंकी हमले में घायल एक पर्यटक को अपनी पीठ पर लादकर सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहलगाम पोनी एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहीद वान ने हमारे समूह में बैसरन घाटी में हुई घटना के बारे में संदेश दिया। इसलिए हम उनके साथ गए और दोपहर 3 बजे के आसपास उस स्थान पर पहुंचे।

हमने घायलों को पानी पिलाया और जो चल नहीं सकते थे, उन्हें पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया। मानवता धर्म से पहले आती है। पर्यटकों की मदद करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि वे हमारे मेहमान हैं और हमारी आजीविका उन पर निर्भर करती है। हम उनमें से कई को अस्पताल लेकर आए। हमें अपनी जान की परवाह नहीं थी क्योंकि जब हम वहां गए तो लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। मैंने पर्यटकों को रोते हुए देखा तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। उनके आने से हमारे घरों में दीये जल उठते हैं।

 

बैसरन घाटी तक नहीं जा सकते वाहन

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बचाव प्रयासों में सुरक्षाबलों की मदद करने पर पहलगाम ATV स्टैंड के अध्यक्ष इरशाद अहमद कहते हैं कि शुरू में, हम बाइक लेकर घर चले गए। फिर हमें फोन आया कि स्थिति सामान्य है और हमें बचाव के लिए जाना है। हम अपनी सभी बाइक लेकर बैसरन घाटी चले गए, क्योंकि यह एक गैर-मोटर वाहन योग्य सड़क है। इसलिए हमने अपनी एटीवी ली। हम पिछले 2 दिन से अपने एटीवी पर सुरक्षाबलों और पुलिस को घाटी में ले जा रहे हैं।

मैं ही वह व्यक्ति था, जिसने नौसेना अधिकारी (लेफ्टिनेंट विनय नरवाल) और उनकी पत्नी को एम्बुलेंस तक पहुंचाया। मैंने रास्ते में उनकी नब्ज देखी तो पता चला कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। उस समय, मैंने उनकी पत्नी से झूठ बोला कि वह जीवित हैं और उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए। जब मैंने वहां की स्थिति देखी तो मैं 4 बार रोया। हम नहीं चाहते कि हमारे कश्मीर में ऐसी घटनाएं कभी दोहराई जाएं।

 

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Apr 24, 2025 12:03 PM

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