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OROP: वन रैंक-वन पेंशन के संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी, 25 लाख से ज्यादा सैन्य कर्मियों को होगा फायदा

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रक्षा बलों के कर्मियों और पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में अगले संशोधन को मंजूरी मिली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Dec 24, 2022 10:54
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anurag thakur
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रक्षा बलों के कर्मियों और पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में अगले संशोधन को मंजूरी मिली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से ओआरओपी प्रस्ताव के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी होगी।

युद्ध विधवाओं और विकलांग पेंशनभोगियों को भी लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह लाभ युद्ध विधवाओं और विकलांग पेंशनभोगियों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 25.13 लाख सशस्त्र बल पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनरों को इसका लाभ दिया जाएगा। इस संशोधन के तहत 8450 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक व्यय होगा। बकाया 1 जुलाई, 2019 से 30 जून, 2022 तक प्रभावी रहेगा। इस कदम से युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए आकर्षित करने की उम्मीद है।

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25 लाख से ज्यादा हुई लाभार्थियों की संख्या

अनुराग ठाकुर के अनुसार, 1 जुलाई 2014 के बाद हुए रिटायर हुए सुरक्षा कर्मियों को मिलाकर ओआरओपी के लाभार्थियों की संख्या 25 लाख 13 हजार 2 हो गई है। 1 अप्रैल 2014 से पहले यह संख्या 20 लाख 60 लाख 220 थी। हालांकि इससे सरकार पर 8,450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

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7 नवंबर, 2015 को लिया गया निर्णय

ओआरओपी को लागू करने का निर्णय नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 7 नवंबर, 2015 को लिया गया था, जिसके लाभ 1 जुलाई, 2014 से प्रभावी थे। ओआरओपी सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। इसका अर्थ समान रैंक के सेवानिवृत्त सैनिक हैं। जो समान अवधि की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी रिटायरमेंट की तारीख और वर्ष के बावजूद वे समान पेंशन प्राप्त करेंगे। आसान भाषा में समझें तो वन रैंक-वन पेंशन (ORAP) सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन है। इसमें सेवानिवृत्ति की तिथि का अर्थ नहीं होता। इसका अर्थ है कि सेवा में बिताए वर्षों के अनुसार ही अधिकारियों को एक समान ही पेंशन मिलेगी।

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Written By

Pushpendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Dec 23, 2022 11:55 PM

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