पाकिस्तान और चीन भारत के खिलाफ तो साजिश रचते ही हैं, लेकिन जब ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई तो कई दूसरे देशों के बारे में भारत की तीनों सेनाओं को मालूम हुआ। जिन्हें वे अपना दोस्त समझ रहे थे, वे तो आस्तीन के सांप निकले। बता दें, अजरबैजान और तुर्की ने, जिन्होंने पाकिस्तान को हरसंभव मदद देने की कोशिश की थी। इसी चुनौती को देखते हुए भारतीय सेना अपने सैन्य ताकत को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के साथ ही खुद को पूरी तरह से भविष्य के युद्ध के लिए अपडेट करने में जुटी हुई है। वर्तमान में भारत की तीनों सेनाओं का एकमात्र मकसद ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर भारत से बने हथियारों पर निर्भर रहना है ताकि विदेशी हथियार और उनके कल पुर्जों पर आश्रित नहीं रहना पड़े।
तेजस लड़ाकू विमान पर फोकस
रक्षा मंत्रालय से न्यूज24 को मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना अब अपने अगली पीढ़ी के तेजस लड़ाकू विमान पर फोकस कर रही है। और इसके लिए फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Safran के साथ साझेदारी करने के प्रयास में लगी हुई है। इसका एकमात्र मकसद तेजस के इंजन को और ज्यादा मजबूत बनाने के साथ ही पूरी तरह से अपडेट करना है।
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास जगुआर, मिराज 2000 और मिग 29 लड़ाकू विमान हैं। लेकिन अब ये काफी पुराना हो चुका है और इसके मेंटेनेंस में भी लाखों का खर्च रक्षा मंत्रालय को उठाना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए तेजस मार्क 2 के नए वर्जन को रक्षा मंत्रालय इंडक्ट करना चाहती है, ताकि भारतीय एयरफोर्स भविष्य के युद्ध के लिए पूरी तरह से अपडेट रहे।
कई प्रोजेक्ट पर हो रहा है काम
आपको बता दें, तेजस फाइटर जेट को एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और एचएएल मिलकर बना रही है। लड़ाकू विमान तेजस जब पूरी तरह से नई पीढ़ी का बनकर आएगा तो इसमें आधुनिक रडार, इंफ्रारेड सिस्टम, बड़ी पेलोड क्षमता और स्वदेशी मिसाइलों यानी अस्त्र और ब्रह्मोस-NG लगाने की सुविधा होगी।
फिलहाल, इस प्लेन के लिए अमेरिका की GE कंपनी का F414 इंजन चुना गया है, जिसकी थ्रस्ट क्षमता 98 kN है। GE और HAL के बीच इस इंजन के भारत में निर्माण के लिए 80% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का समझौता हुआ है, लेकिन आपूर्ति में देरी और लागत को लेकर बातचीत अटक गई है, जिससे भारत को ऑप्शन तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा है। आपको बता दें, सैफरन पहले से ही एचएएल के साथ कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। फिलहाल यहीं अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब तेजस के अपडेट वर्जन में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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