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Operation Sindoor: भारत के हमले से नेस्तनाबूद हुए आतंकी कैंप, नई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी तबाही

Satellite images PoK attack: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ओर से की गई कार्यवाही के बाद पाकिस्तान अब तक उबर नहीं पाया है। इस बीच तबाह हुए आतंकी कैंपों की नई तस्वीरें सामने आई है। जिसमें ये कैंप बुरी तरह तबाह हुए नजर आ रहे हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 1, 2025 09:00
PoK terror camps destroyed New Image
पीओके में तबाह हुए कोटली और सैयदना बिलाल कैंप की तस्वीरें (Pic Credit- NDTV)

PoK terror camps destroyed: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इस दौरान भारत ने पीओके में मौजूद आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था। इन हमलों में पाकिस्तान के कई आतंकी कैंप तबाह हुए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच 4 दिन तक जंग चली थी। हालांकि पाकिस्तान के कहने पर दोनों देशों में सीजफायर हो गया था। इस बीच एनडीटीवी ने नई हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट इमेज जारी की है। जिसमें भारत द्वारा किए गए हमलों का सटीक असर दिखाया गया है।

ये दोनों सैटेलाइट इमेज कश्मीर में तंगधार से 36 किलोमीटर दूर मुजफ्फराबाद के सैयदना बिलाल कैंप की है। वहीं दूसरी इमेज राजौरी से 40 किलोमीटर पश्चिम में कोटली गुलपुर कैंप की है। दोनों जगहों पर 6 और 7 मई की मध्य रात्रि को हमला किया गया था। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप जैश से जुड़े आतंकियों के लिए बड़ा और प्रमुख ठिकाना था। इस कैंप में आतंकियों को हथियार चलाने, विस्फोटक और आयुध बनाने और जंगल में बचने का प्रशिक्षण दिया जाता था।

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Kotli Gulpur Terror Camp (Pic Credit-NDTV)

सैयदना बिलाल में आतंकियों ने लिया था प्रशिक्षण

हमले से पहले और बाद की तस्वीरों में एक इमारतों का एक समूह नजर आ रहा है। जो ड्रोन हमले में पूरी तरह नष्ट हो गई है। इसके अलावा इलाके में कोई और क्षति नहीं हुई है। सेना के सूत्रों की मानें तो जून 2023 में सैयदना बिलाल कैंप में नए लड़ाके पाकिस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों से लाए गए। इसके बाद उन्हें कठुआ और रामबन के बीच रेलवे पुल को निशाना बनाने के उद्देश्य से उरी और केरन सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पार भेजने के लिए तैयार किया जा रहा था। बिलाल कैंप में ट्रेनिंग के बाद इन आतंकियों को पंजाब स्थित आतंकी लॉन्च पैडों पर लाया गया जहां पर इनको कम्यूनिकेशन की ट्रेनिंग दी गई।

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सेना सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों को मार्च से मई 2024 के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ कराई गई थी। पिछले साल में जम्मू में हुए अधिकांश आतंकी हमले इन्हीं आतंकियों द्वारा किए गए थे।

कोटली कैंप का इतिहास

वहीं एक समूह कोटली के गुलपुर कैंप का है। यह लश्कर का बेस कैंप माना जाता है। यहां से राजौरी मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर है। सैटेलाइट इमेज में देखा जा सकता है भारत के हमले से एक इमारत पूरी तरह तबाह हो गई है। इस इमारत के ठीक नजदीक की इमारत भी बुरी तरह तबाह हो गई है। यह आतंकी कैंप एक जंगल के बीचो-बीच स्थित है। सेना के अनुसार यहां पर प्रशिक्षण पाए आतंकियों ने 2023 में पुंछ में तीर्थयात्रियों पर हमला किया था। इस कैंप का इस्तेमाल राजौरी और पुंछ जैसे क्षेत्रों में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के लिए किया जा रहा था।

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First published on: Jul 01, 2025 09:00 AM

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