प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि संसद का ये सत्र भारत का गौरव गान है। ये विजय उत्सव है। ये विजय उत्सव भरतीय सेना के शौर्य और सामर्थ्य का उत्सव है, ये 140 करोड़ भारतियों की इच्छाशक्ति का उत्सव है। मैं इसी विजय भाव से इस सदन में भारत का पक्ष रखने के लिए खड़ा हुआ हूं., जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता उन्हें आइना दिखाने के लिए खड़ा हुआ हूं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह देश के लोगों ने मेरा साथ दिया, आशीर्वाद दिया। देश की जनता पर मुझपर कर्ज है। मैं देशवासियों का भार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला हमारी सेना ने ले लिया। हमने उसे मारा और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया। हमें ऐसी रणनीति बनाई कि जहां पहले कभी नहीं गए, वहां पहुंचे और पाकिस्तान का अंदर आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया। वहां जाने की कोई सोच भी नहीं सकता। हमारी सेना ने आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया।
‘पाकिस्तान के एयरबेस आज भी ICU में’
पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकी को हमें झूठा साबित कर दिया और भारत ने सिद्ध कर दिया कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी और ना ही भारत इसके पीछे झुकेगी। इसके साथ ही भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता भी दिखाई। पाकिस्तान पर सटीक प्रहार किया। पाकिस्तान के एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा और कुछ एयरबेस तो अभी भी ICU में हैं।
आज टेक्नोलॉजी युद्ध का समय है। ऑपरेशन सिंदूर इसमें सफल हुआ है। हमने 10 सालों से तैयारियां ना की होती तो अंजाम कुछ और होता। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एशिया पहली बार हुआ जब आत्मनिर्भर भारत को दुनिया ने देखा। भारत की मिसाइलों ने पाकिस्तान के हथियारों की पोल खोल कर रख दी।
पीएम मोदी ने कहा कि अब हमला करने वाले मास्टरमाइंड को नींद आती क्योंकि उन्हें पता है कि भारत आएगा और मारकर जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर ने तय कर दिया कि भारत में आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान और आंतकियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट है कि भारत ने तीन सूत्र तय किए हैं।
- अगर भारत पर हमला हुआ तो हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर, अपने समय पर जवाब देकर रहेंगे।
- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा।
- अब आतंक परस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे।
193 में से सिर्फ 3 देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया
यहां पर विदेश नीति को लेकर भी काफी बातें हुईं, दुनिया के समर्थन को लेकर भी कई बातें हुई हैं। किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में अपनी कार्रवाई करने से रोका नहीं है। संयुक्त राष्ट्र 193 देश में से सिर्फ तीन देश ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया। दुनिया का समर्थन मिला लेकिन दुर्भाग्य है कि देश के वीरों को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल के हमले के बाद 3-4 दिन में ही ये उछल रहे थे और कहना शुरू कर दिया कि कहां गई 56 इंच की छाती, कहां गया मोदी? मोदी तो फेल हो गया। ये तो फेल हो गया। निर्दोष लोगों की हत्या में भी अपनी राजनीति तलाश कर रहे थे लेकिन उनकी ये बयानबाजी और छिछोरापन सुरक्षाबलों का मनोबल गिरा रहा था। कांग्रेस के कुछ नेताओं को ना भारत के सामर्थ्य पर भरोसा है और आना ही भारत की सेनाओं पर, इसलिए वे लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसा करके वे मीडिया में हेडलाइन तो बन सकते हैं लेकिन देशवासियों के दिल में जगह नहीं बना सकते।
आतंकियों की नाभि पर हमला किया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि दस मई को ऑपरेशन को रोकने की घोषणा हुई, इसको लेकर तरह-तरह की बातें हुई हैं। ये सीमापार से फैलाया गया प्रोपगेंडा है। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ तो हमने लक्ष्य तय हुआ था कि हम उनके इलाके में जाकर आतंकियों के लॉन्चिंग पैड को नष्ट करेंगे और सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे लोग सुबह होने से पहले वापस आ गए। जब बालाकोट एयरस्ट्राइक किया तो हमारा लक्ष्य तय था कि आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर को तबाह किया। ऑपरेशन सिंदूर के समय भी हमारा लक्ष्य तय था। जहां पहलगाम के आतंकियों की ट्रेनिंग हुई, शरण मिलता था, वहां आतंकियों की नाभि पर हमला किया। हमारी सेना ने लक्ष्यों को हासिल कर लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में समझदारी होती आतंकियों के साथ खड़े होने की होती। वह निर्लज्जता थे आंतकियों के साथ खड़ा था। हम भी मौके की तलाश में थे और दुनिया कोई बता दिया था कि हमारे निशाने पर आंतकी हैं। लेकिन जब पाकिस्तान आंतकियों के साथ खड़ा हुआ तो भारतीय सेना सैलून तक याद रहने वाला करारा जवाब दिया। 9 मई की रात और 10 मई की सुबह को पाकिस्तान पर हमारी मिसाइलों ने प्रचंड हमला किया और पाकिस्तान को घुटनों पर आने पर मजबूर कर दिया। आपने टीवी पर देखा होगा कि क्या बयान आया।
अब बस करो, अब मत मारो…पाकिस्तान ने लगाई गुहार
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने DGMO के पास फोन करने गुहार लगाई कि बहुत हो गया, अब बस करो, अब मत मारो। प्लीज हमला रोक दो। लेकिन भारत ने पहले ही दिन कह दिया था कि हमने अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है। अगर कुछ करोगे तो उसका जवाब मिलेगा।
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि दुनिया के किसी नेता ने भारत के ऑपरेशन को रोकने के लिए नहीं कहा। 9 तारीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझसे बात करने की कोशिश कि लेकिन मैं उनका फोन नहीं उठा पाया। बाद में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है, मैंने जवाब दिया कि अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। मैंने यह भी कहा था कि हम गोली का जवाब गोले से देंगे। इसके बाद हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस-नहस कर दिया था।
‘आत्मविश्वास से भरा हुआ है आज का भारत’
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान भी भलीभांति जान गया है कि भारत का जवाब पहले से अधिक तगड़ा होता है। उसे यह भी पता है कि अगर भविष्य में नौबत आई तो भारत कुछ भी कर सकता है। इसलिए मैं फिर से कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है। पाकिस्तान ने फिर से कल्पना की तो उसे करारा जवाब दिया जायेगा। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। आज का भारत का आत्मनिर्भरता का मंत्र लकर पूरी शक्ति के तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश आगे बढ़ रहा है और कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है। दुर्भाग्य से कांग्रेस को पाकिस्तान के मुद्दे इम्पोर्ट करने पड़ रहे हैं। आज के समय में जानकारी और नैरेटिव की बहुत बड़ी भूमिका है। नैरेटिव, AI का उपयोग करके सेना का मनोबल कम करने की कोशिश होती है, देश को भ्रमित करने की कोशिश होती है लेकिन कांग्रेस और इसके सहयोगी ऐसे ही प्रपंच कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो तुरंत कांग्रेस वालों ने सेना से सबूत मांगे थे लेकिन जब देश का मूड और मिजाज देखा तो उनका रुख बदल गया। तब उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक कोई बड़ी बात नहीं है, ये तो हमने भी किया था। इसके बाद बालाकोट में सेना ने एयरस्ट्राइक की तो फोटो मांगने लगे। जब पायलट अभिनंदन पकड़े गए तो पाकिस्तान का खुश होना स्वभाविक था लेकिन यहां भी कुछ तो ऐसे थे जो कह रहे थे कि अब मोदी फंसा! अब देखते हैं कि मोदी क्या करता है। डंके की चोट पर अभिनंदन वापस आ गया।
BSF का जवाब भी आन-बान-शान के साथ आ गया वापस
पहलगाम हमले के बाद BSF का एक जवान पाकिस्तान के कब्जे में चला गया तो विपक्ष को लगा कि अब फिर से मोदी फंस गया! सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें होने लगीं। BSF का जवाब भी आन-बान-शान के साथ वापस आ गया। आतंकवादी रो रहे हैं और उनको रोता देखकर यहां भी कुछ लोग रो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि ऑपरेशन रोक क्यों दिया? पूरा देश हंस रहा है। कांग्रेस का पुराना रवैया रहा है। देश ने अभी अभी कारगिल दिवस मनाया लेकिन देश यह जानता है कि उनके कार्यकाल में और आज तक कारगिल के विजय को कांग्रेस ने नहीं अपनाया है। जब डोकलाम में सेना शौर्य दिखा रही थी तो कांग्रेस के नेता किससे ब्रीफिंग ले रहे थे, सभी जानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान का बयान एक है, उसके सुर के साथ सुर मिला रहे हैं, कहने पर बुरा लगता है। देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीनचिट दे दी है। इनकी ये हिम्मत कि पहलगाम के आतंकी पाकिस्तान से थे, इसका सबूत दो। ये क्या तरीका है। यही मांग पाकिस्तान भी कर रहा है।
1 हजार मिसाइलों और ड्रोन से पाकिस्तान ने किया हमला
हमारे एयर डिफेंस सिस्टम की चर्चा दुनिया में हो रही है, पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को तिनके की तरफ बिखेर दिया। 9 मई को पाकिस्तान ने करीब 1 हजार मिसाइलों और ड्रोन से भारत पर हमला करने की कोशिश, ये मिसाइलें भारत के किसी भी हिस्से पर गिरतीं तो भयंकर तबाही मच जाती लेकिन भारत ने आसमान में ही चूर-चूर कर दिया।
कांग्रेस ने लंबे समय तक देश पर राज किया है, उन्हें शासन व्यवस्था की समझ है लेकिन इसके बाद विदेश मंत्रालय, विदेश मंत्री जवाब दें, इसे स्वीकार नहीं करना है। रक्षा मंत्री बोले तो उन्हें भरोसा नहीं है। तब सवाल उठता है कि आखिर क्या हालत हो गई है इनकी। अब कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है।
पीएम ने कहा कि पहलगाम के हमलावरों को ‘ऑपरेशन महादेव’ करके मार गिराए लेकिन हैरानी होती कि यहां ठहाके मारकर कहा गया कि आज ही क्यों हुआ? इन लोगों को क्या हो गया है? हताशा और निराशा इस हद तक पहुंच गई है। पिछले कई सप्ताह से लगातार पहलगाम के आतंकियों को सवाल पूछ रहे थे और अब कह रहे हैं कि 28 जुलाई को ही क्यों हुआ?
जब सीमा पर सेनाएं मजबूत होती हैं तभी लोकतंत्र प्रखर होता है। ऑपरेशन सिंदूर बीते दशक में भारतीय सेना के सशक्तिकरण का एक प्रमाण है। कांग्रेस के शासन के दौरान सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोचा भी नहीं गया और इसका मजाक उड़ाया जाता है। छोटे-छोटे हाथियारों के लिए विदेशों पर निर्भरता था। इसकी लिस्ट बहुत लंबी है। हर चीज के साथ घोटाला होता था।
पीएम मोदी ने कहा कि एक दशक में डिफेंस का बजट पहले से तीन गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। डिफेंस एक्सपोर्ट 100 देशों तक पहुंच गया है। ऑपरेशन सिंदूर ने डिफेंस के बाजार में भारत का झंडा गाड़ दिया है। डिमांड बढ़ गई है। कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है जैसे उनका सबकुछ लुट गया हो। ऐसे लोगों को पहचानना होगा। डिफेंस में भारत का आत्मनिर्भर होना ये आज की शस्त्रों की स्पर्धा में विश्वशांति के लिए भी जरूरी है। भारत युद्ध का नहीं बुद्ध का देश है। हमें शांति चाहते हैं लेकिन हम यह भी नहीं भूलते कई समृद्धि और शांति का रास्ता शक्ति से होकर गुजरता है।
किसकी सरकार ने POK पर कब्जा करने दिया?
उन्होंने कहा कि किसकी सरकार ने POK पर कब्जा करने दिया? जब भी नेहरू जी की चर्चा करता हूं तो कांग्रेस और उसका एकोसिस्टम बिलबिला जाता है। आजादी के बाद से ही जो फैसले लिए गये, उसकी सजा आज भी भारत भुगत रहा है। अक्साई चीन और पूरे क्षेत्र को बंजर करार दिया गया और देश की बड़ी जमीन हमें खोनी पड़ी।
1962-63 कांग्रेस के नेता पूंछ, उरी, किसनगंगा को छोड़ देने का प्रस्ताव रख रहे थे, वो भी लाइन ऑफ पीस के नाम पर किया जा रहा था। उन्होंने 800 वर्गकिमी जमीन पाकिस्तान को दे दी। 1965 में हमारी सेना ने अपना हिस्सा जीत लिया था लेकिन फिर पाकिस्तान को वापस कर दिया। 1975 में 93 हजार सैनिक हमारे बंदी थे, बड़ा एरिया सेना ने अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन उस दौरान थोड़ी से समझ होती तो POK वापस लेने का निर्णय हो सकता था। करतारपुर तो वापस आ सकता था।
26/11 की बड़ी घटना के बाद कांग्रेस सरकार ने एक ही डिप्लोमैट को बाहर नहीं निकाला, एक वीजा तक कैंसल नहीं किया लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड का दर्जा दिया हुआ था। देश न्याय मांग रहा था अरु कांग्रेस सरकार व्यापार में लगी हुई थी। पाकिस्तान आतंकियों को भेजता था और यहां की सरकार अमन की आश का मुशायरा करती थी, हमें इसे बंद कर दिया। हमने पाकिस्तान में वीजा रद्द कर दिया, अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया। भारत की हितों को गिरवी रखना, कांग्रेस की पुरानी आदती है। इसका उदाहरण सिंधु जल समझौता है, जिसे नेहरू जी ने किया।
हिन्दुस्तान को केवल 20 प्रतिशत पानी मिला
पीएम ने कहा कि सिंधु नदी सदियों से भारत की पहचान हुआ करती थी लेकिन कांग्रेस- नेहरू ने सिंधु और जेलम जैसी नदियों पर विवाद पर पंचायत वर्ल्ड बैंक को फैसला करने के लिए सौंप दिया। ये समझौता भारत की अस्मिता के साथ किया गया बड़ा धोखा है। इन नदियों का अस्सी फीसदी पानी देने के लिए राजी हो गये थे, हिन्दुस्तान को केवल 20 प्रतिशत पानी मिला। इसमें कौन सी बुद्धिमानी थी, कौन सी डिप्लोमेसी थी?
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी ने माना था कि उसने गलती हुई लेकिन कांग्रेस ने उसे सुधारा नहीं। हमने उसे सुधारा है। देश के अहित करने वाला ये समझौता रद्द कर दिया गया है। भारत ने तय कर दिया है कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते। विपक्ष में बैठे साथी आतंकवाद पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जब इन्हें राज करने का मौका मिला तब इन्होंने क्या किया? कांग्रेस की कमजोर सरकार की वजह से बहुत नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अगर आतंकवाद रोक सकती है तो ये क्यों नहीं रोक सकते थे? जब दिल्ली में बाटला हाउस में एनकाउंटर हुआ तो कांग्रेस की एक बड़ी नेता की आंखों में आंसू थे। वोट के लिए पूरे देश में इस बात को कहा गया। जब संसद भवन पर हमला हुआ तो कांग्रेस के बड़े नेता ने अफजल गुरु ने बेनिफिट ऑफ डाउट देने की बात कही थी। 26/11 में एक पाकिस्तानी जिंदा पकड़ा गया, दुनिया ने स्वीकारा की ये पाकिस्तानी है लेकिन इसके भी कांग्रेस भगवा आतंक सिद्ध करने में लगी हुई थी। कांग्रेस दुनिया को हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बता रही थी।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आतंक की नर्सरी में ही आतंकियों को मिट्टी में मिलाएगा। हम पाकिस्तान को भारत के भविष्य के साथ नहीं खेलने देंगे। पाकिस्तान जब भारत के खिलाफ आतंक का रास्ता नहीं रोकेगा तब तक उसके खिलाफ एक्शन होता रहेगा।