Operation Sindoor: भारत द्वारा किए गए सफल सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने एक संगठित और उग्र प्रोपेगेंडा अभियान शुरू कर दिया है। इस प्रचार युद्ध का उद्देश्य है। सच्चाई को दबाना, जनता को भ्रमित करना और भारत की सैन्य सफलता से ध्यान भटकाना। सोशल मीडिया के माध्यम से झूठे दावे, पुरानी तस्वीरें और असंबंधित वीडियो का उपयोग कर एक वैकल्पिक लेकिन पूरी तरह मनगढ़ंत नैरेटिव गढ़ा जा रहा है।
जानबूझकर फैलाई जा रही झूठी खबरें
पाकिस्तान समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स और राजनीतिक हस्तियों ने कई झूठे और भ्रामक दावे किए हैं। इनमें एक वायरल तस्वीर शामिल है जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान ने बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल विमान को मार गिराया। PIB फैक्ट चेक ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह तस्वीर 2021 में मोगा, पंजाब में हुई मिग-21 दुर्घटना की है।
एक अन्य वीडियो में दावा किया गया कि भारतीय सेना ने चोरा पोस्ट पर आत्मसमर्पण किया लेकिन इस झूठे वीडियो को भी कई फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म्स ने खंडन कर दिया है। पाकिस्तान के मंत्री अत्ताउल्ला तारड़ ने इस फर्जी दावे का समर्थन कर इसे एक राज्य प्रायोजित झूठ में बदल दिया है।
पुराने वीडियो, नई कहानियां!
पाकिस्तान एयरफोर्स द्वारा श्रीनगर एयरबेस पर हमला करने का भी दावा किया गया है, लेकिन इस वीडियो का संबंध 2024 की शुरुआत में खैबर पख्तूनख्वा में हुई सांप्रदायिक हिंसा से था। वहीं, राजस्थान के बाड़मेर में मिग-29 की पुरानी दुर्घटना की तस्वीरों को यह दिखाने के लिए साझा किया गया कि भारतीय वायुसेना को हाल ही में नुकसान हुआ है।
मंत्री का बयान और फिर यू-टर्न
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया गया है। लेकिन जब कोई प्रमाण सामने नहीं आया, तो उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया और स्वीकार किया कि कोई भी भारतीय जवान हिरासत में नहीं है।
डिजिटल युद्ध की रणनीति
यह सब दर्शाता है कि पाकिस्तान एक सुनियोजित सूचना युद्ध छेड़ चुका है। इस युद्ध में तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है और भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को दबाने के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रणनीति न केवल भारतीय जनता को भ्रमित करने का प्रयास है बल्कि इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी गुमराह करना और पाकिस्तान के अंदर जनभावनाओं को भड़काना है।
भारत की तरफ से लगातार फैक्ट-चेकिंग और सटीक सूचनाएं साझा कर इस भ्रामक अभियान का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।
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