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कंसल्टेटिव कमेटी की मीटिंग में तीखी बहस, ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री की दो टूक

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश मंत्रालय की पहली कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक हुई। इस मीटिंग में एस. जयशंकर के साथ राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और कई अन्य नेता भी मौजूद रहे।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 26, 2025 17:23
Parliamentary consultative committee meeting
विदेश मामलों से जुड़ी कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक हुई।

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद संसद में विदेश मामलों से जुड़ी कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण बैठक का प्रतिनिधित्व किया। विपक्षी दलों के नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर सवाल उठाए, जिसे पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार-विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। इसे लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर कोई भी गलत जानकारी नहीं दी गई है।

सूत्र ने सीमा पार आतंकवाद पर हुई संसदीय सलाहकार समिति की बैठक के बारे में बताया कि भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिससे पाकिस्तान की पोल खुल गई, जो आतंकवाद के केंद्र तीन प्रमुख शिविरों की रक्षा नहीं कर सका। इससे पाकिस्तानी सेना के मनोबल पर असर पड़ा है। सिंधु जल संधि पर प्रतिनिधिमंडल ने जानना चाहा कि क्या सरकार इसे जारी रखने का इरादा रखती है या यह सिर्फ प्रतीकात्मक है। इस पर सरकार ने कहा कि संधि स्थगित है और सांसदों को भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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‘आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते’

सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री ने विभिन्न देशों की राजधानियों में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के बीच हुई बातचीत की भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय एकता की अपील की। ​​सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप के दावों और अन्य टिप्पणियों के बारे में जानना चाहा, जिस पर सरकार ने बताया कि अमेरिका और अन्य देश जो भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे, उन्हें बताया गया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।

सीमा पार आतंकवाद पर हुई चर्चा

इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने कमेटी के सदस्यों को हालिया विदेश नीति, सीमा पार आतंकवाद, पहलगाम में हुई आतंकी घटना और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी गई। ऑपरेशन सिंदूर हाल ही में चर्चा का केंद्र रहा है, जिस पर विशेष रूप से चर्चा हुई है। इस बैठक में विभिन्न दलों के सांसदों की भी उपस्थिति रही। कांग्रेस की ओर से के. सी. वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और गुरजीत सिंह औजला शामिल हुए, जबकि समाजवादी पार्टी से जया बच्चन, डीएमके के दयानिधि मारन और भाजपा के अनिल फिरोजिया भी मीटिंग में शामिल हुए।

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कांग्रेस ने क्या उठाए सवाल?

सीमा पार आतंकवाद पर आज हुई संसदीय सलाहकार समिति की बैठक पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि सरकार यह स्पष्ट करने में असमर्थ रही कि भारत-पाकिस्तान के बीच एकता क्यों? अब एक वास्तविकता बन गई है। कांग्रेस ने पाकिस्तान को दिए गए आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के ऋण और भारत के इससे दूर रहने का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस ने पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य और सामरिक संबंधों को गहरा करने के बारे में अपनी चिंता जताई। कांग्रेस ने पाकिस्तान और भारत के बीच शांति स्थापित करने के बारे में मार्को रुबियो के बयान का मुद्दा उठाया।

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विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन के समाचार पत्र Frankfurter Allgemeine Zeitung को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि ये संघर्ष कभी भी परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा और न ही भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकेगा। उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ कोई भी संवाद केवल द्विपक्षीय आधार पर ही होगा।

First published on: May 26, 2025 03:16 PM

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